वाह, जयशंकर आपने पश्चिमी देशों को इतिहास सीखा दिया
Updated on
04-01-2023 04:05 PM
वियना: यूक्रेन युद्ध के बीच ऑस्ट्रिया के दौरे पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस से सस्ता तेल खरीदने पर अपने जोरदार तर्कों और इतिहास के तथ्यों की याद दिलाकर यूरोपीय और पश्चिमी देशों का मुंह बंद कर दिया। भारतीय विदेश मंत्री ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि यूरोप ने भारत के मुकाबले 6 गुना अधिक तेल रूस से खरीदा। जयशंकर ने यूरोपीय देशों और भारतीय जनता की आय की तुलना करते हुए कहा कि भारत की 1 अरब 40 करोड़ की आबादी के पास इतना पैसा नहीं है कि वह महंगा तेल खरीद सके। जयशंकर के इस बयान की दुनियाभर में जमकर तारीफ हो रही है। नीदरलैंड के भारत में राजदूत रह चुके फोंस स्टोइलिंगा ने कहा कि जयशंकर आपने पश्चिमी देशों को इतिहास और अर्थव्यवस्था सीखा दिया।नीदरलैंड के भारत में पूर्व राजदूत फोंस स्टोइलिंगा ने ट्वीट करके कहा, 'भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का शानदार प्रदर्शन। पश्चिमी देशों को इतिहास और अर्थव्यवस्था का कुछ पाठ पढ़ाया।' जयशंकर के इस बयान की सोशल मीडिया में जमकर तारीफ हो रही है। आशुतोष झा ने लिखा कि जयशंकर ने अपने बयान में क्या शानदार स्पष्टता दिखाई। भारत को अब तक का सबसे बुद्धिमान विदेश मंत्री मिल गया है।' ह्यूमन नामक यूजर ने लिखा, 'अगर आप कठिन और अचानक पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देने का तरीका सीखना चाहते हैं, आपको विदेश मंत्री जयशंकर को सुनना चाहिए।' विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को पश्चिमी शक्तियों के असंतोष के बावजूद रूस से कच्चे तेल का आयात करने के भारत के कदम का बचाव करते हुए कहा था कि यूरोप ने फरवरी 2022 से भारत की तुलना में रूस से जीवाश्म ईंधन का छह गुना अधिक आयात किया है। यूरोप के दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा कि यूरोपीय राजनीतिक नेतृत्व अपनी आबादी पर रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव को कम करना चाहेगा, और यह एक विशेषाधिकार है जिसे उन्हें अन्य राजनीतिक नेतृत्व तक भी विस्तारित करना चाहिए।जयशंकर ने सोमवार को ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ को दिए एक साक्षात्कार के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, 'यूरोप अपने आयात को आरामदायक तरीके से कम करने में कामयाब रहा है। अगर 60,000 यूरो (प्रति व्यक्ति आय) पर, आप अपनी जनसंख्या के बारे में इतनी परवाह कर रहे हैं, तो मेरे यहां 2,000 अमेरिकी डॉलर की आय वाली आबादी है। मुझे भी ऊर्जा की आवश्यकता है, और मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि मैं तेल के लिए ऊंची कीमत चुका सकूं।' जयशंकर ने यह भी कहा कि फरवरी 2022 से यूरोप ने भारत की तुलना में रूस से छह गुना अधिक ऊर्जा का आयात किया है।