प्रमुख मानवाधिकार वकील पावेल चिकोव ने गुरुवार को टेलीग्राम पर इसके आंकड़े पोस्ट किए. आंकड़ों के मुताबिक, अब तक दो लोगों को जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. 28 आरोपी जेल में हैं और मुकदमे का इंतजार कर रहे हैं. पिछले सप्ताह कानून के उपयोग के सात उदाहरणों को चिकोव ने अपनी टैली में जोड़ा था. इसमें कानून के तहत आरोपित होने वाले रूसी सैनिक भी शामिल थे.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लिस्ट में रूसी सैनिक इल्या कारपेंको, वालेरी कोटोविच, इल्या पोनोमारेव, एक पूर्व सांसद और मुखर क्रेमलिन आलोचक का नाम भी शामिल किया गया है. चिकोव के अनुसार, कानून का उल्लंघन करने के आरोप में जो लोग देश छोड़कर भाग गए हैं, उनमें खोजी पत्रकार आंद्रेई सोलातोव और रुस्लान लेवियेव शामिल हैं. इन दोनों को अधिकारियों ने वॉन्टेड लिस्ट में डाल दिया है.
चिकोव ने कहा, ‘100 आरोपियों में 57 को पांच से 10 साल की जेल का सामना करना पड़ सकता है. अन्य 24 को तीन साल तक सलाखों के पीछे रहना होगा. विपक्षी नेता इल्या याशिन और व्लादिमीर कारा-मुर्ज़ा कानून के तहत उन आरोपियों में शामिल हैं और जेल में मुकदमे की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
रूसी अदालतों ने वॉर फेक लॉ के तहत अब तक 9 सजाएं दी हैं. चिकोव ने कहा कि दो लोगों पर 3 मिलियन रूबल ($ 50,000) तक का जुर्माना लगाया गया था. साथ ही 2 दोषियों को सामुदायिक सेवा से निलंबन की सजा मिली. सबसे कठोर सजा मॉस्को नगरपालिका के डिप्टी एलेक्सी गोरिनोव को मिली. जुलाई में उन्हें 7 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.