30 साल पहले जब मां ने मोदी का सबके सामने किया था तिलक
Updated on
31-12-2022 04:50 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का 100 साल की उम्र में शुक्रवार को देहांत हो गया। पिछले कई सालों में हर अहम मौके पर पीएम अपनी मां से आशीर्वाद हासिल करते दिखते थे। इसके अलावा दूसरे सार्वजनिक मौकों पर उनकी मां विरले ही दिखती थीं। शुक्रवार को पीएम मोदी की मां के निधन के बाद एक ट्वीट थ्रेड में उनसे जुड़ी कुछ दुर्लभ सूचना साझा की गईं। इसमें बताया गया है कि किस तरह 30 जनवरी 1992 को जब नरेंद्र मोदी एकता यात्रा से लौटे, तो अगले दिन अहमदाबाद में सभी एकता यात्रियों के सम्मान में एक भव्य नागरिक अभिनंदन का आयोजन किया गया।यह पहला मौका था, जब उनकी मां हीराबेन सार्वजनिक रूप से दिखाई दी थीं। इस दौरान उन्होंने मोदी के माथे का तिलक किया था। फिर 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले मोदी ने अपनी मां का आशीर्वाद लिया। वे शायद नहीं जानती थीं कि उनका बेटा किस पद पर आसीन होगा। हीराबेन खुश थीं कि उनका बेटा गुजरात वापस आ गया है। तब मां ने मोदी से कहा था, 'मुझे समझ नहीं आ रहा है कि तुम क्या करते हो, लेकिन मुझसे वादा करो कि तुम कभी रिश्वत नहीं लोगे। कभी ऐसा पाप मत करना।' पीएम मोदी ने बाद में कई मौकों पर मां की इस सीख का जिक्र किया।
फिर 2002 में हीराबेन का वह बयान चर्चा में आया था जब उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा सबसे प्यार करता है। 2002 में 7 दिसंबर को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, 'एक बार उसे सड़क पर एक रुपये का सिक्का मिला। मैंने उससे कहा कि इसे अपने ऊपर खर्च करो। लेकिन इसके बजाय उसने वह सिक्का हमारे गांव के एक गरीब आदमी की बेटी को दे दिया, जिसे किताबें और पेंसिल खरीदने के लिए पैसों की जरूरत थी। मुझे पता है कि वह सभी से प्यार करता है।'