नई दिल्ली।
उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम का मिजाज बदलता नजर आ रहा है। बेमौसम बारिश के
बाद बुधवार की सुबह दिल्ली- एनसीआर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई
इलाकों ने समय से पूर्व कोहरे की चादर ओढ़ ली। मौसम विभाग की मानें तो समय
से कम से कम एक महीने पूर्व कोहरे ने दस्तक दी है। वैसे यह ज्यादा दिन टिक
नहीं पाएगा।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक राजेन्द्र जेनामणि ने कहा कि कभी-कभी अक्तूबर के आखिर में कोहरा दस्तक देता है, लेकिन अक्तूबर की शुरुआत में ही कोहरे की घटना असामान्य बात है। हाल में हुई बारिश इसकी मुख्य वजह है। दरअसल, बारिश के बाद जब मौसम शुष्क होने लगता है तो भी नमी मौजूद रहती है। ऐसे में यदि तापमान में गिरावट दर्ज होती है तो फिर कोहरा बनना शुरू हो जाता है। हालांकि, दिल्ली में सुबह बुधवार को तापमान 20 डिग्री के करीब रहा, लेकिन यह रिकॉर्डिंग सफदरजंग इलाके की है। एनसीआर के बाहरी खुले इलाकों में यह तीन-चार डिग्री नीचे था। इसलिए कोहरा बनना शुरू हो गया।
ऐसी स्थिति लगातार नहीं रहेगी
मौसम वैज्ञानिक रंजीत सिंह ने कहा कि नमी और तापमान में दोनों कारण मौजूद
होने से ऐसा हुआ। सामान्य मौसम चक्र में एनसीआर में यह स्थिति नवंबर के
दूसरे पखवाड़े में शुरू होती है। मौसम विभाग का मानना है कि यह स्थिति अभी
लगातार बनी नहीं रहेगी, क्योंकि अगले एक-दो दिनों में जैसे ही तापमान में
वृद्धि होगी तो कोहरा बनना बंद हो जाएगा। विभाग के अनुसार, कोहरा मध्यम
दर्जे का था। इसलिए प्रत्यक्ष रूप से इसका मानव जनजीवन पर अभी कोई खास
प्रभाव नहीं होगा। बता दें कि पिछले कुछ समय से उत्तर भारत से मानसून के
छंटने में विलंब होने के कारण बारिश की गतिविधियां अक्तूबर में भी जारी
रहती हैं। इसके चलते असमय बारिश हो रही है तथा कृषि कार्य प्रभावित हो रहे
हैं।
देश के कई हिस्सों में सीजन का पहला कोहरा
दिल्ली के साथ ही पश्चिम से मध्य यूपी तक बुधवार की सुबह घना कोहरा छाया
रहा। सीजन का पहला कोहरा पूरब की नम हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ के चलते समय
से पहले आया। कई स्थानों पर दृश्यता घटकर 100 से 150 मीटर तक रह गई। इसके
चलते एक्सप्रेस-वे और राजमार्गों पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया।
रिमझिम और झमाझम बारिश के चलते अक्तूबर में मौसम संबंधी कई निर्धारित
धारणाएं टूटी हैं। इसी कड़ी में बुधवार की सुबह घने कोहरे से लोगों का
सामना हुआ। शहरी व ग्रामीण इलाकों में दृश्यता ने जनजीवन पर असर डाला।
यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ एक्सप्रेस-वे के साथ ही कई राजमार्गों पर वाहन सुबह आठ बजे तक हेडलाइट जलाकर ही आगे बढ़ सके। इस दौरान आगरा में तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से लगभग साढे आठ डिग्री कम था। भोर की पहली किरण में ताज का दीदार करने देश-विदेश से आए लोगों को भी कम दृश्यता के चलते परेशानी उठानी पड़ी। खासकर डायना सीट पर बैठकर पर्यटक ताज के साथ फोटो नहीं खींच सके।
आगरा ही नहीं पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद, मेरठ, आगरा, मथुरा, बरेली, बदायूं में मौसम का बदलाव देखा गया। कानपुर से संगमनगरी प्रयागराज तक हल्की धुंध रही। कुछ जगहों पर ओस की बूंदें भी बरसीं। वहीं, तराई बेल्ट शाहजहांपुर से पीलीभीत और खीरी में तो रात दस बजे से ही कोहरा छा गया था। दृश्यता काफी कम होने से 50 मीटर दूर की वस्तु भी दिखाई नहीं दे रही थी।
करवाचौथ का चांद साफ दिखेगा
मौसम विभाग का अनुमान है कि एकाध दिन बादल छाए रहेंगे। हल्की बूंदाबांदी भी
हो सकती है। मगर, इसके बाद मौसम साफ रहेगा। तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के
आसपास रहेगा। हालांकि करवाचौथ पर सुहागिनों को चांद के दीदार के लिए इंतजार
नहीं करना होगा। आसमान साफ रहने के चलते समय से चांद निकलने की संभावना
है।