जम्मू
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार शाम तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर
जम्मू पहुंचे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व अन्य भाजपा नेताओं ने उनका यहां
जम्मू एयरपोर्ट पर स्वागत किया। अमित शाह के केंद्र शासित प्रदेश के अपने
तीन दिवसीय दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी समुदाय के लिए अनुसूचित
जनजाति (एसटी) के दर्जे की घोषणा करने की उम्मीद है। जम्मू पहुंचने के बाद
अमित शाह ने राजभवन में पांच समुदाय के लोगों से मुलाकात की। शाह से मिलने
वाले इस प्रतिनिधिमंडल में गुर्जर, बकरवाल, पहाड़ी, सिख और राजपूत समुदाय
के लोग शामिल थे। वह मंगलवार और बुधवार को राजौरी और बारामूला में दो
रैलियों को संबोधित करेंगे, जिसमें बड़ी संख्या में पहाड़ी समुदाय के लोगों
के शामिल होने की उम्मीद है। पहाड़ी लोगों को एसटी का दर्जा देने की
संभावना ने नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के भीतर राजनीतिक विवाद और मतभेद पैदा
कर दिया है।
यही नहीं, गुर्जर जनजाति के सदस्यों ने सोमवार को शोपियां में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने केंद्र से अनुसूचित जनजाति समुदाय की स्थिति के साथ खिलवाड़ नहीं करने को कहा। पहाड़ियों को एसटी का दर्जा देना भाजपा द्वारा जम्मू-कश्मीर में अधिकतम सीटें जीतने के लिए एक बड़े राजनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस लिहाज से केंद्रीय गृह मंत्री का जम्मू-कश्मीर में दो रैलियों को संबोधित करना भाजपा के चुनावी अभियान की प्रभावी शुरुआत होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल कांफ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों से केंद्रीय गृह मंत्री की रैली में शामिल होने की अपील की है। दो बार नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक कफील उर रहमान ने कहा, "समुदाय पहले आता है। राजनीति बाद में। हम सभी को रैली में शामिल होना चाहिए और अपनी सामूहिक ताकत दिखानी चाहिए। अगर हम आज एसटी का दर्जा हासिल नहीं करते हैं, तो हम इसे कभी नहीं पा पाएंगे।"