सुएला ब्रेवरमैन ने 19 अक्टूबर को ब्रिटेन के गृह सचिव के पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि उन्होंने सरकारी नियमों का उल्लंघन किया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस की सरकार के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाते हुए चिंता जाहिर की थी।
अपने इस्तीफे में ब्रेवरमैन ने कहा था कि उन्होंने प्रवास पर एक
लिखित मंत्रिस्तरीय बयान का मसौदा भेजा था जो प्रिंट के लिए गया था।
ब्रेवरमैन ने पीएम को लिखा, "इसमें से बहुत कुछ सांसदों को बताया गया था।
फिर भी मेरे लिए इस्तीफा देना सही है।" उन्होंने कहा कि अपनी गलती का एहसास
होते ही उन्होंने आधिकारिक चैनलों पर इसकी सूचना दी। उन्होंने लिखा,
"मैंने गलती की है। मैं जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं और इस्तीफा देती हूं।"
उन्होंने लिज़ ट्रस की शासन करने की क्षमता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा, "हमने न उन महत्वपूर्ण वादों को तोड़ा है जो हमने मतदाताओं से किए थे। मुझे घोषणापत्र की प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए इस सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं।"
इस महीने की शुरुआत में सुएला ब्रेवरमैन ने कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौते से यूनाइटेड किंगडम में प्रवासन में वृद्धि होगी। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई थी जब भारत और ब्रिटेन एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा था। भारतीय मूल की ब्रिटिश मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने ब्रिटिश साप्ताहिक पत्रिका 'द स्पेक्टेटर' को दिए एक इंटररव्यू में यह टिप्पणी की थी।
उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यूके में भारतीय उच्चायोग ने
कहा कि भारत ने माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप (एमएमपी) के तहत उठाए गए
सभी मामलों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।