नाटो में सदस्यता पर जेलेंस्की को बड़ा झटका, शर्तें पूरी होने पर ही मिलेगी मेंबरशिप, यूक्रेन पर मतभेद आए सामने!
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12-07-2023 01:47 PM
विनियस: दुनिया के सबसे बड़े सैन्य गठबंधन नाटो में यूक्रेन की सदस्यता पर सबसे बड़ा सवाल पैदा हो गया है। नाटो के रवैये ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी कन्फ्यूजन में डाल दिया है। सदस्यता मिलने पर देरी को जेलेंस्की ने बेतुका करार दिया। अब नाटो ने कहा है कि जब यूक्रेन पर जब सभी सहयोगी सहमत होंगे और शर्तें पूरी होंगी तो ही उसे गठबंधन में शामिल किया जाएगा। नाटो ने कहा कि वह इस बात से वाकिफ है कि इस मसले पर उसे तेजी से बढ़ने की जरूरत है। लिथुआनिया में इस बार नाटो शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की को पूरी उम्मीद थी कि उनके देश को संगठन की सदस्यता मिल जाएगी। मगर फिलहाल यह होता नजर नहीं आ रहा है।
यूक्रेन को कब मिलेगा आमंत्रण
नाटो के 31 देशों वाले शिखर सम्मेलन का आयोजन लिथुआनिया की राजधानी विनियस में हो रहा है। यहां पर नाटो के मुखिया जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने जोर देकर कहा है कि गठबंधन ने रूस को हराने की कड़वी लड़ाई में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए कभी भी 'मजबूत भाषा' का प्रयोग नहीं किया है। नाटो के लीडर्स के मुताबिक यूक्रेन का भविष्य नाटो में है और सदस्य बनने के लिए जिस अंतिम प्रक्रिया की जरूरत है, यूक्रेन के लिए उसे छोटा कर दिया जाएगा। दूसरी ओर एक बयान में कहा गया कि जब सहयोगी सहमत होंगे और शर्तें पूरी होंगी तो ही गठबंधन में शामिल होने के लिए यूक्रेन को आमंत्रित किया जाएगा।
जेलेंस्की हुए परेशान
नाटो का यह रुख जेलेंस्की के लिए करारा झटका है। शिखर सम्मेलन के बयान में सतर्क भाषा के प्रयोग के बारे में उन्हें पहले से जानकारी थी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'ऐसा लगता है कि यूक्रेन को नाटो में आमंत्रित करने या गठबंधन का सदस्य बनाने की कोई तैयारी नहीं है।' यूक्रेन साल 2008 से ही नाटो में शामिल होने की कोशिशें कर रहा है। यूक्रेन ने यह बात मानी है कि जब तक रूस के साथ जंग जारी है तब तक उसे नाटो की सदस्यता नहीं मिल सकती है। लेकिन इसके खत्म होने के बाद जल्द से जल्द वह इसमें शामिल होना चाहेगा।
यूक्रेन को लेकर मतभेद
नाटो के रुख ने यूक्रेन को शामिल होने की तारीख या सीधा निमंत्रण देने को लेकर इसके 31 सदस्यों के बीच मतभेद को उजागर कर दिया है। फरवरी 2022 में रूस के हमले के बाद से ही यूक्रेन सदस्यता पर जोर दे रहा है। हालांकि नाटो के सदस्य मानते हैं कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता रूस को फिर से हमला करने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।