मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 1857 के अमर बलिदानी स्वतंत्रता सेनानी राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने वर्ष 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में जबलपुर क्षेत्र में सैनिकों को क्रांति में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था। अपने क्रांतिकारी साथियों और 52वीं रेजीमेंट के सैनिकों के साथ मिल कर पिता-पुत्र ने क्रांति की योजना बनाई। लेकिन गद्दार ने यह सूचना अंग्रेजों तक पहुँचा दी। राजा और उनके पुत्र एवं अनुयायियों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। तलाशी में क्रांति संगठन के दस्तावेजों के साथ राजा शंकर शाह द्वारा लिखित एक कविता मिली। दोनों क्रांतिवीर पिता-पुत्र को बंदी बना कर जेल में रखा गया। राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह की गिरफ्तारी से सैनिकों और जनता में आक्रोश बढ़ गया। तुरंत डिप्टी कमिश्नर और दो अंग्रेज अधिकारियों की एक औपचारिक सैनिक अदालत बैठायी गयी और देशद्रोही कविता लिखने के जुर्म में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को 18 सितम्बर 1857 को मृत्यु-दण्ड दिया गया। राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान से क्रांति की आग दावानल बन गई।