इस्लामाबाद: कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को चीन से परमाणु बिजली खरीदना अब भारी पड़ने वाला है। पाकिस्तान को चीनी पैसे से बनने वाले परमाणु प्लांट की बिजली 20 रूपये प्रति यूनिट मिलने वाली है। ऐसे में पाकिस्तानी अवाम के लिए इतनी महंगी बिजली खरीदना मुश्किल हो सकता है। चीन, पाकिस्तान में 5 अरब डॉलर की लागत से चश्मा-5 (सी-5) परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने जा है। इसके लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को प्लांट के पांचवे यूनिट का शिलान्यास भी किया है। 20 रुपये प्रति यूनिट की कीमत पाकिस्तान में कोयला से पैदा होने वाली बिजली से कहीं ज्यादा है।
बिजनेस रिकॉर्डर के अनुसार, पिछले महीने चीन और पाकिस्तान ने 2029 में जल्द से जल्द उपलब्धता के साथ 3.48 बिलियन डॉलर मूल्य की 1,200 मेगावाट की चश्मा-5 (सी-5) परमाणु ऊर्जा परियोजना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया था। सांकेतिक उत्पादन क्षमता विस्तार योजना (आईजीसीईपी) 2018-40 के तहत परियोजना की अनुमानित पूंजी लागत 4.777 अरब डॉलर आंकी गई थी। पाकिस्तान और चीन के बीच परमाणु प्लांट पर अप्रैल 2015 में सी-5 के लिए एक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इसके बाद 2017 में पाकिस्तान की परमाणु ऊर्जा कंपनी पीएईसी और चीनी समकक्ष के बीच वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद दोनों देशों ने सी-5 न्यूक्लियर पावर प्लांट को पहले 2019 और बाद में 2022 में प्रोडक्शन के लिए तैयार करने का फैसला किया। सितंबर 2021 में काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (सीसीआई) ने 2021-30 के लिए नई पीढ़ी की योजना की तैयारी के लिए एक ज्वाइंट ऐक्शन प्लान को मंजूरी दी। हालांकि, चश्मा परमाणु (सी-5) बिजली परियोजना के लिए कम ऑपरेशनल लागत के साथ ज्यादा से ज्यादा समय तक काम करने के प्लान को योजना में शामिल नहीं किया गया।
इस परियोजना के लिए चीन ने लागत का 85 फीसदी कर्ज दिया है। बाकी का 15 फीसदी पाकिस्तान सरकार ने वहन करेगी। पाकिस्तान को कर्ज देने वाली संस्थाओं में CEXIM बैंक, MOFCOM और चीन इंटरनेशनल डेवलपमेंट प्रमुख हैं। इन चीनी संस्थानों ने उत्पादन शुरू होने के पहले ही अपने लागत को सुरक्षित करने के लिए बिजली की कीमतों को तय कर दिया है। इसके लिए उन्होंने प्रति यूनिट बिजली की कीमत 20 रुपये तय की है। यह राशि आम पाकिस्तानियों के लिए बहुत ज्यादा है।