कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प ने
कृषि आदान की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि जिले को खाद की नियमित रैक
प्राप्त हो रही है। आवंटित खाद का समुचित वितरण कराएं। सहकारी समितियों में
खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करें। खाद के वितरण की कड़ी निगरानी रखें। खाद
की कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही
करें।
कलेक्टर ने कहा कि मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए प्रत्येक किसान को
फसल चक्र अपनाना चाहिए। खेती के विविधीकरण के लिए किसानों को लगातार
प्रेरित करें। जिले में धान तथा गेंहू के कुल रकबे को 80 प्रतिशत से कम के
स्तर पर हर हाल में लाया जाएगा। आगामी फसल में अलसी, सरसों, मटर, तोरिया
आदि की अग्रिम बोनी के लिए किसानों को समय पर खाद और अच्छे किस्म के बीज
उपलब्ध कराएं। दलहन फसल प्रोत्साहन योजना का भी किसानों को लाभ दें। इस फसल
में सरसों, मसूर, अलसी तथा चने का क्षेत्र बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास
करें। जिन किसानों ने गत वर्ष उन्नत सरसों लगाकर गेंहू की तुलना में अधिक
लाभ कमाया उनकी सफलता की कहानियों जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जारी कराएं।
इन किसानों के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कराएं।
कलेक्टर ने कहा कि वाटरशेड क्षेत्र में भी सरसों तथा मटर की खेती को बढ़ावा
दिया जा रहा है। कृषि विविधीकरण अपनाने वाले किसानों से कृषि विभाग के
अधिकारी नियमित संपर्क में रहें। जिन क्षेत्रों में ज्वार, मक्का तथा कोदौ
की अच्छी फसल है उन क्षेत्रों का अन्य किसानों को भ्रमण कराएं। बैठक में उप
संचालक कृषि यूपी बागरी ने कहा कि जिले में वर्तमान में यूरिया तथा डीएपी
पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वर्तमान में सहकारी समितियों, विपणन संघ
तथा निजी विक्रेताओं को मिलाकर जिले में 8 हजार 329 टन यूरिया, 3 हजार 174
टन डीएपी तथा 2 हजार 704 टन एनपीके उपलब्ध है। खाद की नियमित रूप से आवक हो
रही है। सरसों, मटर, चने एवं गेंहू के उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध हैं।
कृषि विविधीकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में सभी संबंधित
अधिकारी उपस्थित रहे।