डिफेंस प्रोडक्शन ऑल टाइम हाई पर:2023-24 में 1.27 लाख करोड़ का उत्पादन हुआ

Updated on 06-07-2024 12:35 PM

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को बताया कि देश ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। यह पिछले वित्तीय वर्ष से 16.8% ज्यादा है।उन्होंने बताया, 2023-24 में 1,26,887 करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन हुआ, जो इससे पहले 1,08,684 करोड़ रुपए था। सरकार ‘मेक इन इंडिया’ के देश को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित कर रही है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम साल-दर-साल नए मील के पत्थर पार कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, इससे हमारा सुरक्षा तंत्र बढ़ेगा।

भारत में तेजस LCA, विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर, वॉरशिप, टैंक, तोपें, मिसाइल, रॉकेट, कई सैन्य वाहन सहित विभिन्न प्रकार के हथियारों और इ्क्विपमेंट का प्रोडक्शन होता है।

PM मोदी बोले- यह उत्साजनक विकास है
राजनाथ सिंह के X पर पोस्ट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी X पर पोस्ट किया। उन्होंने इसे उत्साजनक विकास बताया। मोदी ने कहा कि इस उपलब्धि में योगदान देने वाले सभी लोगों को बधाई।

हम अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने और भारत को एक लीडींग ग्लोबल डिफेंस मैनुफैक्चरिंग सेंटर के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमारे डिफेंस सिस्टम को मजबूत करेगा और हमें आत्मनिर्भर बनाएगा।

पिछली बार प्रोडक्शन पहली बार 1 लाख करोड़ के ऊपर पहुंचा था
वित्त वर्ष 2022-23 में हमारा डिफेंस प्रोड्कशन 1.09 लाख करोड़ रुपए था। 2022-23 में पहली बार प्रोडक्शन 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा था।

रक्षा मंत्रालय (MoD) के बयान के मुताबिक यह डेटा सरकारी क्षेत्र के सभी डिफेंस उपक्रमों, डिफेंस सेक्टर के लिए विभिन्न सामान बनाने वाले अन्य PSU और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों से निकलकर सामने आया है।

रिकॉर्ड प्रोडक्शन का एक अर्थ यह भी है कि देश के डिफेंस इकोसिस्टम ने वित्त वर्ष 2028-29 तक केंद्र के 3 लाख करोड़ रुपए के सालाना प्रोडक्शन लक्ष्य की 40% से ज्यादा दूरी तय कर ली।

बीते 5 साल में प्रोडक्शन 60% से ज्यादा बढ़ा
बीते पांच साल से देश में डिफेंस प्रोडक्शन लगातार बढ़ रहा है। इस दौरान यह 60% से अधिक बढ़ चुका है। बीते वित्त वर्ष 2023-24 में हुए प्रोडक्शन में 79.2% का योगदान DPSU और अन्य PSU का रहा, जबकि प्राइवेट सेक्टर ने बाकी 20.8% का योगदान दिया।

भारत पिछले एक दशक में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार इंपोर्टर
सरकार ने कहा था, 'हम रूस जैसे देशों से इम्पोर्ट पर अपनी निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारत पिछले एक दशक में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार इंपोर्टर रहा है। देश अपनी लगभग आधी मिलिट्री सप्लाई के लिए रूस पर निर्भर है।



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