पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि गुजरांवाला में
हुई राजनीतिक रैली में उन पर हुए हमले के बाद सर्जरी में उनके दाहिने पैर
से तीन गोलियां निकाली गई। पीटीआई प्रमुख ने सीएनएन को दिए साक्षात्कार के
दौरान लाहौर के जमान पार्क में अपने आवास से बोलते हुए ये दावे किए हैं।
सीएनएन ने इमरान खान के हवाले से कहा, "उन्होंने मेरे दाहिने पैर से तीन
गोलियां निकालीं। बाईं ओर कुछ छर्रे थे जिन्हें उन्होंने अंदर छोड़ दिया
है।"
इमरान खान ने यह भी कहा है कि हमले की उन्हें पूर्व में ही सूचना मिल गई थी। खुफिया एजेंसियों ने उन्हें इसके बारे में जानकारी दी थी। इमरान खान कहते हैं, "याद रखें, साढ़े तीन साल मैं सत्ता में था। मेरे पास खुफिया एजेंसियों, विभिन्न एजेंसियों के साथ मेरे अभी भी संबंध हैं।"
दो महीने हत्या की साजिश
इमरान खान ने आगे दावा किया कि उनके खिलाफ पूरी हत्या की साजिश की कल्पना
दो महीने पहले की गई थी। एआरवाई न्यूज ने सोमवार को सीएनएन के साथ इमरान
खान के साक्षात्कार के हवाले से बताया। उन्होंने कहा, "यह सब तब शुरू हुआ
जब मुझे पीएम पद से निकाल दिया गया था और तब से यह उम्मीद की जा रही थी कि
मेरी पार्टी अलग हो जाएगी, लेकिन इसके बजाय जो हुआ वह यह कि एक बड़ी
सार्वजनिक प्रतिक्रिया हुई और मेरी पार्टी को अपार जनसमर्थन मिला।"
शहबाज सरकार ने बनाई हमले की योजना
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने दावा किया कि मौजूदा
सरकार ने उन पर हमले की योजना बनाई थी और यह दिखाना चाहते थे कि एक
"धार्मिक कट्टरपंथी ने ऐसा किया"। उन्होंने कहा, "यह एक सुनियोजित हत्या का
प्रयास था। मैं पहले से ही ऑन एयर हो गया था और चेतावनी दी थी कि ऐसा ही
होगा।"
गौरतलब है कि इससे पहले इमरान खान ने देश के राष्ट्रपति आरिफ
अल्वी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने "सत्ता के दुरुपयोग और कानूनों और
संविधान के उल्लंघन" के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। इमरान ने पत्र में
लिखा, "कोई भी व्यक्ति या राज्य संस्था देश के कानून से ऊपर नहीं हो सकता
है। हम राज्य के संगठनों के भीतर दुष्ट तत्वों के हाथों नागरिकों के साथ
बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार देख रहे हैं, जिसमें हिरासत में यातना और अपहरण
शामिल हैं।" खान ने अल्वी को लिखे एक पत्र में लिखा है कि मैं आपसे अनुरोध
कर रहा हूं कि सत्ता के दुरुपयोग और हमारे कानूनों और संविधान के उल्लंघन
को रोकने के लिए अभी कार्रवाई करें, जो हर नागरिक के मौलिक अधिकारों को
सुनिश्चित करता है।