आपको बता दें कि दो दशकों से अधिक समय में पहली बार पाकिस्तान ने सोमवार को लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रशिक्षित आतंकवादी के शव को स्वीकार किया है। वह 21 अगस्त को राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के रास्ते घुसपैठ किया, जहां उसे पकड़ लिया गया। उसे गोली भी लगी थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के सबजाकोट निवासी तबारक हुसैन (32) का शव भारतीय सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर चाकन दा बाग क्रॉसिंग प्वाइंट पर पुलिस और सिविल अधिकारियों की मौजूदगी में पाकिस्तान को सौंपा। राजौरी के एक सैन्य अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई थी।
हुसैन को भारतीय सैनिकों ने गोली मार दी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में उसे राजौरी के सैन्य अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी एक सर्जरी हुई। इतना ही नहीं भारतीय सैनिकों ने मानवता दिखाते हुए उसकी जान बचाने के लिए तीन यूनिट रक्तदान भी किया।