वॉशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। खबर है कि विरोधी समूहों को देखते हुए अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियां उनकी सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रही हैं। कहा जा रहा है कि इस साल मार्च में हुई घटना के कारण एजेंसियां अतिरिक्त सावधान हैं, जब खालिस्तानी समर्थक समूहों ने पंजाब में खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्योता खुद राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिया था। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।सूत्रों के हवाले से न्यूज18 ने अपनी खबर में कहा, 'सुरक्षा एजेंसियों को सिर्फ विरोध प्रदर्शन ही नहीं बल्कि हमले का भी डर सता रहा है। अमेरिकी अधिकारी भी समझते हैं कि विरोध प्रदर्शनों से हिंसा हो सकती है।' सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर इन समूहों के हमलों की वजह से सुरक्षा एजेंसियां खासतौर पर सतर्क हैं। खबर है कि अमेरिका के अधिकार समूह पीएम मोदी की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों को वॉशिंगटन की तरफ से नई दिल्ली की सार्वजनिक रूप से आलोचना की उम्मीद नहीं है।22 जून को प्रदर्शन की तैयारी
फर्स्टपोस्ट की खबर के अनुसार, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल, पीस एक्शन, वेटरन्स फॉर पीस और बेथेस्डा अफ्रीकन सिमेट्री गठबंधन की 22 जून को वाइट हाउस के पास इकट्ठा होने की योजना है, जब पीएम मोदी जो बाइडन से मिलने वाले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार न्यूयॉर्क में एक अन्य कार्यक्रम की भी योजना है जिसमें 'हाउडी डेमोक्रेसी' नामक एक शो दिखाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार सुबह अमेरिका के लिए रवाना हुए थे।
हो सकते हैं दो बड़े रक्षा समझौते
पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत और गहरे हैं और दोनों देशों के नेताओं के बीच एक 'अभूतपूर्व विश्वास' है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा, 'भारत एक मजबूत प्रोफाइल और भूमिका का हकदार है।' प्रधानमंत्री की इस अमेरिका यात्रा के दौरान दो बड़े रक्षा समझौते हो सकते हैं। पहला, जीई 414 फाइटर जेट इंजन भारत में बनाए जाएंगे और दूसरा अमेरिकी ड्रोन की खरीद का।