लंदन: ब्रिटेन ने लंबी गुलामी के बाद भारत को आजादी तो दी, लेकिन एक सुंदर देश को दो हिस्सों में बांट कर रख दिया। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने अंग्रेजों से मांग की थी, कि मुस्लिमों को उनका अलग देश दिया जाए। अब इस मामले पर पाकिस्तान के एक प्रोफेसर ने कहा है कि महात्मा गांधी ने जान देकर पाकिस्तान को बचाया, नहीं तो यह कभी खड़ा ही न हो पाता। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना को भारत सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिए कि वह अपनी जुबान पर कायम रहे।
पाकिस्तानी मूल के स्वीडिश प्रोफेसर इश्तियाक अहमद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में वह इस बात पर चर्चा कर रहे होते है कि अगर भारत से सभी मुस्लिम पाकिस्तान आ जाते तो बेहद मुश्किल हो जाती। वह कहते हैं कि पाकिस्तान जब बना तब यहां कागज तक नहीं था। अगर इतनी बड़ी आबादी पाकिस्तान में आ जाती तो ये देश बनने से पहले ही बर्बाद हो गया होता। जिन्ना नहीं चाहते थे कि भारत से मुस्लिमों का एक पूरा सैलाब आ जाए।
पाकिस्तान को महात्मा गांधी ने बचाया
इश्तियाक अहमद ने कहा, '3.5 करोड़ लोग भारत से आ सकते थे। जिस तरह हमने किसी हिंदू सिख को पश्चिमी पाकिस्तान में नहीं रहने दिया अगर उसी तरह वहां से भी मुस्लिमों को भगा दिया जाता तो मुश्किल हो जाती। मान लीजिए अगर बिहार का 50 लाख मुसलमान पूर्वी पाकिस्तान चला जाता जो उस समय बेहद गरीब था और अगर तीन करोड़ लोग यहां आ जाते तो पाकिस्तान गिर जाता। ऐसे में तो पाकिस्तान को महात्मा गांधी ने अपनी जान देकर बचाया है।'
भारत सरकार का अहसान मानें
प्रोफेसर इश्तियाक अहमद ने आगे कहा, 'जिन्ना को भारत सरकार का अहसान मानना चाहिए कि वह अपनी जुबान पर कायम रहे।' प्रोफेसर इश्तियाक की किताब, 'जिन्ना: हिस सक्सेस, फेलियर एंड रोल इन हिस्ट्री' को लेकर बातचीत से जुड़े एक वीडियो का यह अंश है। इस वीडियो में वह कई बार महात्मा गांधी को याद करते हैं। उन्होंने इस दौरान महात्मा गांधी की तुलना इतिहास के कई महान धार्मिक लोगों से की।