मानवाधिकार समूह ने दावा किया है कि विरोध प्रदर्शन में अब तक 185 लोगों की मौत हो चुकी है। 900 से अधिक लोग हिंसक झड़प में घायल हुए हैं। इसके साथ दो हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि ईरानी सरकार की तरफ से इससे संबंधित कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। वहीं, मानवाधिकार समूह के मुताबिक मरने वाले और हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या इससे कहीं अधिक है। प्रदर्शन के दौरान महिलाएं हिजाब जला रही हैं। बता दें कि ईरान 2009 के हरित आंदोलन के बाद से इन प्रदर्शनों के जरिए ईरान के धर्मतंत्र के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती पेश की गई है।
महिलाओं की भागीदारी
ईरान में महिलाओं की युवा पीढ़ी को आजादी चाहिए। वे खुलकर जीना चाहती हैं।
यही वजह है कि वे ईरान के इस्लामी गणराज्य में सामाजिक, राजनीतिक या
सांस्कृतिक अपना भविष्य नहीं देखती हैं। ये महिलाएं अपने माता-पिता और
दादा-दादी के विपरीत खुलकर जीना चाहती हैं। इस प्रदर्शन में मारी गई शकरामी
और इस्माइलजादेह ने युवा पीढ़ी को हंसना और कल्पनाशील होना सिखाया।
उन्होंने देश में सामाजिक मूल्यों की शुरुआत की। इसके साथ ही शकरामी और
इस्माइलजादेह ने लोगों को अलग तरह से सोचने और कार्य करने का साहस दिया।
बिना सिर ढके मार्च निकाला
विरोध प्रदर्शन के सामने आए कुछ वीडियो में सुरक्षा बलों द्वारा महिला
प्रदर्शनकारियों को पीटते और धक्का देते हुए देखा जा सकता है। इनमें वे
महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने अपना हिजाब उतार दिया था। ईरान में हिजाब
पहनना अनिवार्य है। अधिकारियों के इंटरनेट पर रोक लगाने के बावजूद राजधानी
तेहरान और अन्य जगहों के वीडियो ऑनलाइन प्रसारित हो रहे हैं। सोमवार को एक
वीडियो में विश्वविद्यालय और हाई स्कूल के छात्रों को प्रदर्शन तथा
नारेबाजी करते हुए देखा गया। कुछ महिलाएं व लड़कियां बिना सिर ढके सड़कों
पर मार्च निकालती नजर आईं।
कुर्द में ईरानी बलों ने फिर तेज की कार्रवाई
ईरान में प्रदर्शन को कुचलने के लिए सरकारी बलों ने देश के कुर्द क्षेत्रों
में मंगलवार को अपनी कार्रवाई तेज कर दी। दंगा रोधी पुलिस ने ईरान के
कुर्दिस्तान प्रांत की राजधानी सानंदाज में गोलीबारी की। वहीं एमनेस्टी
इंटरनेशनल और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने महसा अमिनी की मौत
के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को निशाना बनाने के लिए ईरान की निंदा की
है। इस बीच तेल कंपनियों में काम करने वाले कुछ लोगों ने भी सोमवार को दो
प्रमुख रिफाइनरी परिसरों में विरोध-प्रदर्शन किया।