गौरतलब है कि उसी दिन कृभको के द्वारा ROZA (UP) से रैक रवाना कर दिया गया और कछपुरा में 27 अगस्त को रैक आ गया। जिसे ट्रांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर द्वारिका गुप्ता ने प्राप्त कर लिया। परंतु आगे सप्लाई नही किया। जमानत याचिका में यह आरोप भी लगाया गया है कि मार्कफेड जबलपुर के अधिकारियों की मिली भगत थी। मार्कफेड ने एक पक्षीय जाँच कर के जय प्रकाश सिंह पर भी एफआईआर करावा दी। जिसके बाद उन्हें 2 सितंबर को झाँसी से गिरफ्तार कर लिया गया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद 890 टन गायब यूरिया के मामले में जिला विपणन अधिकारी रोहित सिंह बघेल की ओर से दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, ट्रांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर द्वारिका गुप्ता और रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।