सरकार चाहती है कि 2030 तक कम से कम 30 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएं। इसके लिए बैटरी के दाम पर फोकस किया गया है। लिथियम आयन बैटरी के स्थानीय निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र ने अप्रैल 2021 में लिथियम आयन बैटरी परआयात फीस को दोगुना कर 10 फीसदी कर दिया। 2030 तक लिथियम-आयन बैटरी की मांग 52.5% तक बढ़ने की उम्मीद है। लिथियम के इस खेल में अभी कई खिलाड़ी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से बैटरी पैक बना रहे हैं। लेकिन अभी भी थर्मल पैड को आयात करना पड़ रहा है।