राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने आज सांसदों के मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस हाउस को मैं एक बात बताना चाहता हूं और बड़े भारी मन से बताना चाहता हूं। मेरा परम कर्तव्य है, विश्व की सबसे बड़ी संस्था का चेयरमैन हूं। कोई भी कदम उठाते समय ये नहीं देखूंगा कितना गंभीर है, ये देखूंगा वो कानून की परिधि के अंदर कितना सही है। मैंने कई मौके दिए हैं, माननीय सदस्यों को मैंने बुलाया है, यहां निर्देश दिए हैं, मिन्नत की है। पर इस चेयर के पास अधिकार संविधान ने दिए हैं। मैं सदन के नेता और सदन में विपक्ष के नेता से आग्रह करता हूं को इसमें राजनीति न करें। वो मुझे बताएं कि मैं आज आगे कैसे बढ़ूं।
राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में सदस्य राज्यसभा की कार्यवाही का वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे। इसका क्या असर होगा। मैं इस मुद्दे को हाउस में नहीं मैं अपने चेंबर में समाधान करना चाहता हूं। कृपया मेरे साथ सहयोग करें।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने सभापति के सामने आपत्ति दर्ज कराई। वे पिछले दिनों हुई चर्चा के दौरान कार्यवाही से हटाए गए शब्दों/वाक्यों पर नाराज हैं। इसपर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'मैं बड़ी कोशिश करता हूं चेंबर के अंदर जिसको चाय पसंद हो चाय पिलाऊं, कॉफी पसंद हो कॉफी पिलाऊं, ब्लैक कॉफी पिलाऊं... और भी डायवर्सिफाई कर दूंगा..।' उन्होंने एक किस्सा भी सुनाया।
वामपंथी सांसद पीएफ पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराने और न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 9,000 रुपये महीना करने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को लेफ्ट दलों के MPs ने संसद में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
गांधी परिवार पर कल PM मोदी ने साधा निशाना