बांग्लादेश पर नजर रखे भारत, पाकिस्तान से तनातनी का फायदा उठाने की फिराक में मोहम्मद यूनुस, नहीं भूले चिकन नेक
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09-05-2025 04:38 PM
ढाका: भारत ने पहलगाम हमले के गुनहगारों को सजा देने के लिए पाकिस्तान और पीओके के अंदर घुसकर कार्रवाई की और आतंकवाद की 9 फैक्ट्रियों को तबाह कर दिया। इसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार की रात एक बार फिर नापाक हरकत की और भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश, जिसे भारतीय सेना ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम और एकीकृत मानवरहित प्रणाली से नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कई शहरों को निशाना बनाया और लाहौर में उसके एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई के बाद भारत हाई अलर्ट पर है और पाकिस्तान की किसी भी करतूत का जवाब देने के लिए तैयार बैठा है। लेकिन इस बीच भारत को अपने दूसरे पड़ोसी पर नजर रखने की जरूरत है, जो पिछले कुछ समय में पाकिस्तान के करीब जा बैठा है।बांग्लादेश की वायुसेना का अभ्यास
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के बीच बांग्लादेश ने कई ऐसे कदम उठाये हैं, जिन्हें लेकर भारत को सतर्क रहना चाहिए। ऐसा ही एक कदम बांग्लादेश की वायु सेना का अभ्यास आकाश बिजय 2025 था। ये अभ्यास बीते अप्रैल महीने में किया गया, जिसका उद्येश्य वायुसेना की ऑपरेशनल तत्परता और रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन करना था। इस अभ्यास में वायुसेना के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन, रेडार प्रणालियां और विभिन्न रक्षा प्लेटफार्मों ने हिस्सा लिया।यूनुस की भारत के खिलाफ तैयारी
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, अभ्यास के दौरान अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस मौजूद थे। इस दौरान यूनुस ने भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा, 'हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां युद्ध का खतरा लगातार मंडराता रहता है। भारत और पाकिस्तान संघर्ष के कगार पर हैं - अफ़वाहें तो यहां तक हैं कि युद्ध कभी भी छिड़ सकता है। ऐसे में बिना तैयारी के रहना आत्मघाती है।'भारत के करीब एयरबेस पर यूनुस का जोर
इस दौरान यूनुस ने लालमुनीरहाल एयरबेस के तेजी से आधुनिकीकरण की जरूरत के बारे में भी बात की। यह एयरबेस भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सिलीगुड़ी कॉरिडोर से मात्र 160 किलोमीटर दूर है। 21 किलोमीटर चौड़े और 60 किलोमीटर इस कॉरिडोर की दूसरी सीमाएं चीन, भूटना और नेपाल से लगती हैं। इस बेस से विमानों का परिचालन इस संवेदनशील क्षेत्र के नजदीक होगा। मोहम्मद यूनुस इसके पहले मार्च में चीन दौरे पर सिलीगुड़ी कॉरिडोर को लेकर बयान दे चुके हैं।