पाकिस्तान में परमाणु बिजली प्लांट, साजिद मीर पर भारत के प्रस्ताव को रोका, बौखलाए चीन के इरादे खतरनाक
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21-06-2023 07:26 PM
इस्लामाबाद: भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती और पीएम नरेंद्र मोदी के वॉशिंगटन दौरे से बौखलाए चीन ने एक साथ दो भारत विरोधी कदम उठाए हैं। चीन ने कंगाल हो चुके पाकिस्तान के साथ विशल परमाणु बिजली प्लांट पर समझौता किया है। पाकिस्तान के पास जनता को खिलाने के लिए पैसे नहीं हैं और इसके बाद चीन 4.8 अरब डॉलर की लागत से परमाणु बिजली प्लांट बनवा रहा है। वहीं चीन ने मुंबई आतंकी हमलों में शामिल लश्कर आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के भारत के संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव को रोक दिया है। यही नहीं चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स भी पीएम मोदी की यात्रा को लेकर तिलमिलाया हुआ है और जहरीले बयान दे रहा है। विश्लेषक इसे चीन के नापाक प्लान का हिस्सा मानते हैं।चीन ने पाकिस्तान के साथ जो परमाणु समझौता किया है, उसके तहत 1200 मेगावाट के परमाणु बिजली प्लांट को लगाया जाएगा। इस बिजली प्लांट का नाम चश्मा 5 होगा और इसे पंजाब प्रांत के मियांवाली जिले में बनाया जाएगा। चीन इसके पहले भी 4 परमाणु बिजली घर बना चुका है। चीन परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) का सदस्य देश है और बिना उसकी मंजूरी के ही पाकिस्तान के साथ 5वां परमाणु बिजली प्लांट बनवा रहा है। चीन ने पाकिस्तान के साथ इस तरह की परमाणु डील की आलोचना किए जाने पर भारत का उदाहरण दिया था।
एनएसजी के नियमों को ताक पर रख पाकिस्तान की मदद
चीन ने कहा था कि एनएसजी ने भारत-अमेरिका को इस तरह की डील की छूट दी है। चीन ने इस डील का विरोध किया था लेकिन फिर भी भारत को छूट मिल गई थी। चीन भारत की इसी डील का उदाहरण पाकिस्तान जैसे कंगाल मुल्क को परमाणु बिजली प्लांट देने पर न्यायोचित ठहराने के लिए दे रहा है। यह एनसीजी के कानून के मुताबिक अवैध है लेकिन चीन भारत के दुश्मन पाकिस्तान की परमाणु तकनीक में मदद कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने परमाणु प्रॉजेक्ट में चीन के 10 करोड़ डॉलर का डिस्काउंट देने पर उसे धन्यवाद दिया।
दरअसल, चीन अपने बेल्ट एंड रोड परियोजना के लिए 65 अरब डॉलर का निवेश पाकिस्तान में कर रहा है। पाकिस्तान इस कर्ज को आईएमएफ से लोन लेकर चुका रहा था। यही वजह है कि आईएमएफ ने अब लोन देने से किनारा कर लिया है। चीन अब पाकिस्तान को न केवल लोन देकर डिफॉल्ट होने से बचा रहा है, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक भी दे रहा है। चीन ईरान के साथ डील करा रहा है ताकि बलूच विद्रोहियों का खात्मा किया जा सके जो सीपीईसी परियोजना का विरोध कर रहे हैं। ये बलूच विद्रोही चीनी नागरिकों पर जानलेवा हमले भी कर चुके हैं।