परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निर्देश पर परिवहन विभाग का अमला 19 सितंबर से प्रदेश की सभी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में पहुँचकर बसों या उन समस्त परिवहन वाहनों की सघन चेकिंग अभियान प्रारंभ करेगा जिनका उपयोग छात्र-छात्राओं को घर से संस्था तक आवागमन के लिए किया जा रहा है।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री राजपूत ने बताया कि परिवहन विभाग का अमला शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में ही जाकर शैक्षणिक संस्थाओं के छात्र-छात्राओं के आवागमन में उपयोग होने वाले वाहनों की जाँच पड़ताल करेगा। राजपूत ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों के सुरक्षित एवं निर्बाध आवागमन के दृष्टिगत समुचित दिशा-निर्देश जारी किए गए है। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा एवं सुविधा हेतु इन शैक्षणिक संस्थानों के परिवहन यान जैसे बस, मिनी बस इत्यादि की नियमित अंतराल पर अनिवार्य रूप से होगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि ऐसे शैक्षणिक संस्थान जिनके पास छात्र-छात्राओं के आवागमन हेतु स्वयं या अनुबंधित वाहन नहीं है, तथा ऐसे शैक्षणिक संस्थाओं में छात्र-छात्राएँ किसी अन्य साधन निजी अथवा टैक्सी जैसे जीप, वैन इत्यादि से संस्था तक आते है तो उन वाहनों की जाँच भी परिवहन विभाग के अमले द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के परिसर के बाहर की जाएगी। राजपूत ने कहा कि हर हाल में प्रदेश स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों में आवागमन में प्रयुक्त होने वाले प्रत्येक परिवहन वाहनों की जाँच में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाएगा।
व्हीएलटीडी एवं पैनिक बटन 30 से अनिवार्य
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि शैक्षणिक संस्थाओं में बालिकाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर आवागमन में प्रयुक्त होने वाले प्रत्येक वाहन में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाईस (व्हीएलटीडी) एवं पैनिक बटन 30 सितंबर तक हर हाल में लगवाया जाएगा। इसके अलावा हर शैक्षणिक संस्थानों के प्रशासकों से छात्रों के सुरक्षित आवागमन के लिए परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन किया जाने संबंधी शपथ पत्र भी अब अनिवार्य रूप से लिया जाएगा।