मुंबई
महाराष्ट्र की सत्ता भाजपा के साथ संभालने के बाद अब शिंदे सरकार ने
राज्य पुरानी उद्धव सरकार के समय में हुई घटनाओं की बखिया उधेड़ना शुरू कर
दी है। इसी क्रम में अब महाराष्ट्र के पालघर जिले में 2020 में हुई मॉब
लिचिंग मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग सुप्रीम
कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने की है।
सरकार ने मंगलवार को देश की सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर
पालघर लिंचिंग केस की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। याचिका में
महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि इस केस की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो
इसके लिए पालघर लिचिंग केस की जांच को सीबीआई को सौंपना जरूरी है। याद रहे
जब अप्रैल 2020 में कोरोना वायरस के कोहराम के बीच देश भर में लॉकडाउन लगा
हुआ था तभी महाराष्ट्र के पालघर जिले के गडचिंचले गांव में भीड़ ने दो
संतों और उनके कार ड्राइवर की की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
क्या है पालघर लिंचिंग कांड?
16 अप्रैल 2020 को लॉकडाउन के समय तीन संत और उनका एक कार चालक अपने
आध्यात्मिक गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गुजरात के सूरत जा
रहे थे । तीनों लोग महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर एक पुलिस चौकी से वापस लौटे
और गांवों से होते हुए आंतरिक सड़कों से सूरत पहुंचने की कोशिश कर रहे थे।
तभी रास्ते में पालघर के उक्त गांव में लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर
उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी थी जिसके बाद उन चारों की मौत हो गई थी और
महाराष्ट्र पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया था।