जकार्ता : इंडोनेशिया में एक मुस्लिम मौलवी को ईशनिंदा और 'नफरत फैलाने वाले भाषण' के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मौलवी ने महिलाओं को पुरुषों के साथ नमाज अदा करने की अनुमति दी थी जिसने दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश में आक्रोश पैदा कर दिया। इंडोनेशियाई नेशनल पुलिस के अधिकारी जुहंधानी राहर्डजो ने जकार्ता में आपराधिक जांच एजेंसी के बाहर मीडिया को बताया कि पश्चिम जावा के इंद्रमायु जिले में अल-ज़ायतुन बोर्डिंग स्कूल चलाने वाले 77 वर्षीय पांजी गुमिलांग (Panji Gumilang) को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
इससे पहले भी स्कूल, जहां करीब 5 हजार छात्र पढ़ते हैं, को 'अपरंपरागत प्रथाओं', जैसे महिला और पुरुषों को साथ-साथ इबादत की अनुमति देना और महिलाओं को इमाम बनाना, की अनुमति देने के लिए लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा है। इंडोनेशिया के अन्य इस्लामिक बोर्डिंग स्कूलों के विपरीत, इस स्कूल की प्रार्थना में लिंग भेद का पालन नहीं किया जाता है जिससे कुछ धार्मिक समूह नाराज हैं।
20 दिनों की हिरासत में रहेंगे पांजी गुमिलांग
जुहंधानी ने मंगलवार को कहा, 'जांचकर्ताओं ने कानूनी कार्रवाई की। पांजी को 20 दिनों के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में रखा जाएगा। पुलिस ने यह नहीं बताया कि पांजी ने ऐसा क्या कहा या किया जिसे ईशनिंदा माना जा रहा है लेकिन उनका कहना है कि वे जनता की शिकायतों पर कार्रवाई कर रहे हैं। सीएनएन इंडोनेशिया के अनुसार, जून में इंडोनेशिया की इस्लामिक काउंसिल ने कहा कि वह 'गुमराह करने वाली धार्मिक प्रथाओं' के लिए अल-ज़ायतुन की जांच कर रही है।
हो सकती है 10 साल की सजा
इंडोनेशिया में अगर पांजी को ईशनिंदा या हेट स्पीच का दोषी पाया जाता है तो उन्हें अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है। पांजी के वकील हेंड्रा एफेंडी ने उनके समर्थकों से शांति का आह्वान किया है। उन्होंने सीएनएन इंडोनेशिया को बताया, 'उनके लाखों समर्थक हैं। यह सब जो हो रहा है, हम नहीं जानते कि क्या हो सकता है।' पांजी के समर्थकों में से एक ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी 'अन्यायपूर्ण' थी।