मेधा पाटकर की 5 महीने जेल की सजा पर रोक:साकेत कोर्ट से जमानत मिली; 23 साल पुराने मानहानि केस में दिल्ली LG से जवाब मांगा

Updated on 29-07-2024 02:20 PM

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोशल वर्कर और नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर की 5 महीने की जेल की सजा पर रोक लगा दी है। साथ ही मानहानि केस में दिल्ली LG वीके सक्सेना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मेधा ने 1 जुलाई के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। जिसमें मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने उन्हें मानहानि का दोषी पाया था। साथ ही मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपए का LG सक्सेना को भुगतान करने का निर्देश दिया था।

साकेत कोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को 25 हजार बेल बांड पर मेधा पाटकर को जमानत भी दे दी है।मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी।

मेधा ने कहा था- LG हवाला से लेनदेन करते हैं
25 नवंबर 2000 को मेधा पाटकर ने अंग्रेजी में एक बयान जारी कर वीके सक्सेना पर हवाला के जरिए लेनदेन का आरोप लगाया था और उन्हें कायर कहा था। मेधा पाटकर ने कहा था कि वीके सक्सेना गुजरात के लोगों और उनके संसाधनों को विदेशी हितों के लिए गिरवी रख रहे थे। ये बयान वीके सक्सेना की ईमानदारी पर सीधा-सीधा हमला था। मेधा ने कहा था- सक्सेना ने शारीरिक हमला भी किया था

मेधा पाटकर ने कोर्ट में अपने बचाव में कहा था कि वीके सक्सेना 2000 से झूठे और मानहानि वाले बयान जारी करते रहे हैं। उन्होंने 2002 में उन पर शारीरिक हमला भी किया था, जिसके बाद मेधा ने अहमदाबाद में FIR दर्ज कराई थी।

मेधा ने कोर्ट में कहा था कि वीके सक्सेना कार्पोरेट हितों के लिए काम कर रहे थे और वे सरदार सरोवर प्रोजेक्ट का विरोध करने वालों की मांग के खिलाफ थे।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर किया था केस
मेधा पाटकर के खिलाफ वीके सक्सेना ने आपराधिक मानहानि का केस अहमदाबाद की कोर्ट में 2001 में दायर किया था। गुजरात के ट्रायल कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था। बाद में 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुजरात से दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। मेधा ने 2011 में खुद को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही। वीके सक्सेना ने जब अहमदाबाद में केस दायर किया था तब वो नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के अध्यक्ष थे।

कौन हैं एक्टिविस्ट मेधा पाटकर
मेधा पाटकर सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो देश में आदिवासियों, दलितों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं द्वारा उठाए गए कुछ राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर काम करती हैं। उन्हें मुख्य रूप से नर्मदा घाटी विकास परियोजना (एनवीडीपी) से विस्थापित लोगों के साथ काम करने के लिए जाना जाता है। एनवीडीपी मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में नर्मदा नदी और उसकी सहायक नदियों पर बांध बनाने की एक बड़े पैमाने की योजना है।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 11 January 2025
पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 47वां दिन है। गुरुवार को हुए उनकी टेस्ट की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।…
 11 January 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा आज अपने बचे हुए 41 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है। इसको लेकर शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर…
 11 January 2025
प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लेने वाली 13 साल की लड़की का संन्यास 6 दिन में ही वापस हो गया। दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरि को जूना अखाड़े से 7…
 11 January 2025
असम के दीमा हसाओ जिले में 300 फीट गहरी कोयला खदान से शनिवार को एक और मजदूर लिजान मगर का शव पानी पर तैरता हुआ मिला। मजदूर की पहचान 27…
 11 January 2025
कोरोना वायरस जैसे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के देश में कुल 15 मामले हो गए हैं। शनिवार को असम में पहला केस सामने आया। यहां 10 महीने का बच्चा पॉजिटिव है।बच्चे…
 10 January 2025
पंजाब के अमृतसर में एक और पुलिस चौकी धमाके की आवाज से दहल गई। यह धमाके की आवाज गुरुवार रात करीब 8 बजे सुनाई दी। पुलिस ने बयान जारी कर…
 10 January 2025
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में आज सुबह एक उद्योग में भीषण आग लग गई है। फॉर्मा उद्योग में जब आग लगी तो नाइट शिफ्ट के लगभग 35 कर्मचारी…
 10 January 2025
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने के लिए लगाई गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया। 17 अक्टूबर…
 10 January 2025
हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 46 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके साथ ही कोर्ट में…
Advt.