पाकिस्तान का नाम लेकर आतंकवाद पर गरजे मोदी-बाइडन, जमकर सुनाई खरीखोटी, जानें क्या कहा
Updated on
23-06-2023 07:05 PM
वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। इस दौरान व्हाइट हाउस में औपचारिक बैठकों के बाद भारत और अमेरिका ने संयुक्त वक्तव्य जारी किया। इसमें सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम लेते हुए आतंकवाद पर जमकर खरीखोटी सुनाई गई है। भारत और अमेरिका ने दो टूक लहजे में कहा है कि पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए न किया जाए। इतना ही नहीं, दोनों देशों ने पाकिस्तान को आतंकवादी समूहों, उनके आकाओं और टेरर फाइनेंसिंग को रोकने की भी नसीहत दे डाली। भारत और अमेरिका ने कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को और ज्यादा मजबूत करेंगे।पाकिस्तान को भारत-अमेरिका ने सुनाई खरीखोटी
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि अमेरिका और भारत वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं और सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलकायदा, आईएसआईएस, लश्कर ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), और हिज्बुल मुजाहिदीन सहित सभी संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान दोहराया। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद, आतंकवादी हमलों के छद्म उपयोग की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी हमले शुरू करने के लिए न किया जाए।
आतंकी हमलों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को कहा
उन्होंने 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया। उन्होंने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी), ड्रोन और सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के बढ़ते वैश्विक उपयोग पर चिंता व्यक्त की। भारत और अमेरिका ने कहा कि दोनों देशों ने इनके दुरुपयोग से निपटने के लिए मिलकर काम करने के महत्व की पुष्टि की। उन्होंने खुफिया जानकारी साझा करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग सहित आतंकवाद विरोधी कार्य और सुरक्षा पर दोनों सरकारों के बीच सहयोग का स्वागत किया। भारत और अमेरिका ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) से आतंकवाद का वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए अपने मानकों के वैश्विक कार्यान्वयन में सुधार करने के तरीके की पहचान करने के लिए आगे काम करने का आह्वान किया।