कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बड़ी संख्या में चीतल हैं। यहाँ वहाँ अन्य स्थानों अथवा राज्यों से चीतल लाये जाने की आवश्यकता नहीं है और न ही लाये गये हैं।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जसबीर सिंह चौहान ने बताया है कि मध्यप्रदेश के वनों में बड़ी संख्या में चीतल हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय उद्यान कान्हा में 30 हजार, पेंच में 50 हजार, बांधवगढ़ में 30 हजार और सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान में 10 हजार चीतल हैं। संजय राष्ट्रीय उद्यान और नौरादेही अभयारण्य में चीतलों की संख्या कम है।
अंतर्राज्यीय वन्य-प्राणी स्थानांतरण के लिये भारत सरकार एवं संबंधित राज्यों की सहमति आवश्यक होती है। मध्यप्रदेश में चीतलों की संख्या पर्याप्त मात्रा में होने से यहाँ अन्य राज्यों से चीतल लाने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रदेश में वर्ष 2015 से सक्रिय वन्य-प्राणी प्रबंधन किया जा रहा है, जिसमें राज्य में एक अभयारण्य/राष्ट्रीय उद्यान से दूसरे में पशुओं को स्थानांतरित किया जाता है। इसके माध्यम से पर्यावास को बचाये रखने के लिये वन्य-प्राणियों के जैविक दबाव को कम किया जाता है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक चौहान ने बताया कि प्रदेश में वन्य-प्राणियों के अच्छे प्रबंधन एवं उनके संरक्षण में विश्नोई समाज का सराहनीय योगदान है। विश्नोई समाज की अमृता देवी के नाम पर वन्य-प्राणी संरक्षण के क्षेत्र में योगदान के लिये पुरस्कार दिये जाते हैं।