उत्तराखंड के जोशीमठ में पहाड़ धंस रहे हैं। जोशीमठ और मशहूर स्की रिसोर्ट औली के बीच देश के सबसे लंबे 4.15 किमी के रोप-वे पर खतरा मंडरा रहा है। रोप-वे के टावरों के पास भूस्खलन शुरू हो चुका है। पहाड़ खिसकने से डेढ़ सौ से ज्यादा रिहायशी मकानों में दरारें आ गई हैं। जोशीमठ में 36 परिवारों को शिफ्ट किया गया है।
चमोली जिले में जोशीमठ से 8 किमी ऊपर पहाड़ी पर औली बुग्याल है। भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो जोशीमठ के साथ ही औली में बड़ी आपदा आ सकती है। लगभग साढ़े 9 हजार फीट पर स्थित औली का वजूद ही मिट सकता है। फरवरी, 2023 में औली में दक्षिण एिशयाई विंटर गेम्स भी प्रस्तावित हैं।
चेतावनी के बाद तपोवन बांध में बना दी सुरंग
दैनिक भास्कर ने जोशीमठ पहुंचकर प्रभावितों से बात की। घर छोड़ने वाले रामकृष्ण कहते हैं कि पिछले साल नवंबर से जमीन खिसकने में तेजी आई है। औली रोड पर स्थित सुनील गांव की सुलोचना देवी कहती हैं कि सरकार सुध नहीं ले रही है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती कहते हैं कि सरकारी कमेटी की रिपोर्ट में चेतावनी के बावजूद यहां तपोवन बांध के लिए सुरंग बना दी गई।
अंधाधुंध निर्माण से ग्लेशियर पिघल रहे
भूविज्ञानी एसपी सती का कहना है कि जोशीमठ ग्लेशियर के मोरेन (पहाड़) पर बसा है। अंधाधुंध निर्माण कार्य के कारण ग्लेशियर पिघल रहे हैं। पहाड़ों के धंसने की प्रक्रिया में तेजी आ रही है। खतरा बढ़ रहा है।