शूटरों ने दनादन गोली चलाईं। अगर जरा सी भी चूक होती तो गोली भीड़ में श्रद्धालुओं को भी लग सकती थी। पांच गोली चलाने में शूटरों को एक मिनट से ज्यादा समय लगा और पुलिस भी वहां तैनात थी, लेकिन समय गोलीबारी की आवाज सुनकर पुलिसवाले दुबक गए। हत्या के बाद जब अपराधी फरार हो गए तो पुलिस आई। रंजीत की जहां हत्या हुई, वह इलाका कैमरे के रेंज से बाहर था, इस कारण शूटर कैमरे में कैद नहीं हो पाए। शूटरों को पता था कि घटनास्थल कैमरे के दायरे में नहीं है। इस कारण पुलिस शूटरों के भागने वाले रास्ते में लगे कैमरे का फुटेज खंगाल रही है, ताकि सुराग मिल सके।
प्रतिमा दर्शन कर बेटी के साथ घर लौट रहा था रंजीत
बेटी के साथ सबुज कल्याण संघ आए रंजीत सिंह ने मां दुर्गा का दर्शन कर लिया
था। इसके बाद हाथ में चाबी लेकर अपनी कार की ओर जा रहा था, तभी शूटरों ने
उसे निशाना बनाया। रंजीत सिंह की बेटी घटना की चश्मदीद है। बेटी के सामने
ही शूटरों ने पिता को भून डाला। एकाएक दो तरफ से गोली चलते देख बेटी भी
घबरा गई। वह जान की परवाह किए बगैर पिता की ओर दौड़ी, तब तक शूटर अपना काम
कर चुके थे। रंजीत लहूलुहान होकर गिर पड़े थे।
हत्या के बाद पंडाल में भीड़
पूजा स्थल के बाहर गोलीबारी से सनसनी फैल गई। मेला और पूजा स्थल पर कुछ देर
में ही सन्नाटा पसर गया। हालांकि शाम होते-होते पूजा और मेले की रौनक
दोबारा लौट आई।
ऑटोमेटिक पिस्टल से मारी गई गोलियां
हत्या में शामिल सारे शूटर प्रोफेशनल थे। पुलिस ने मौके से पांच खोखा भी
बरामद किया है, जो ऑटोमेटिक पिस्टल से निकली गोली का बताया जा रहा है।
पुलिस के मुताबिक, शूटरों ने रंजीत के सिर, चेहरे और आंख के पास ही सारी
गोलियां मारी, ताकि किसी भी सूरत में वह बच नहीं पाए।
आधे घंटे की रेकी में शूटरों ने रची हत्या की साजिश
चश्मदीद के मुताबिक, वारदात में दो बाइक पर सवार चार शूटर शामिल थे। दो
शूटर के हाथ में हथियार होने की बात लोग बता रहे हैं। रंजीत सिंह घर से
दोपहर में निकलकर टेल्को सबुज कल्याण संघ पहुंचा था। इसके बाद पौने तीन बजे
हत्या हुई। पुलिस और परिजनों के मुताबिक, मात्रा आधे घंटे की रेकी में
रंजीत की हत्या की गई।