वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसियों ने शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को इसके तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी। इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया। एलवीएम3-एम4 अपनी श्रेणी में सबसे बड़ा और भारी रॉकेट है और इसे 'फैट बॉय' कहा जाता है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने ट्वीट किया, "इस शानदार प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई!" ईएसए ने एक बयान में कहा कि वह अपने गहन अंतरिक्ष स्टेशनों के यूरोपीय अंतरिक्ष ट्रैकिंग (एस्ट्रैक) नेटवर्क के माध्यम से चंद्रयान-3 को सहायता प्रदान कर रहा है। ये पृथ्वी पर जमीनी स्टेशन हैं जो संचालकों को अंतरिक्ष के बाहर मिशन के समय अंतरिक्ष यान से जुड़े रहने में मदद करते हैं।
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के प्रशासक सीनेटर बिल नेल्सन ने भी चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, "चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। चंद्रमा पर इसकी सुरक्षित यात्रा की कामना करता हूं। मैं इस मिशन से मिलने वाले वैज्ञानिक परिणामों को लेकर उत्सुक हूं।"
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के मुताबिक, वांछित ऊंचाई पर पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को 'सॉफ्ट लैंडिंग' कराने की योजना बनाई गई है। इससे पहले भारत चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 को लॉन्च कर चुका है। इस प्रक्षेपण को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की बड़ी सलफता बताया जा रहा है। चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर वैज्ञानिक अनुप्रयोगों को अंजाम देगा।