भोपाल
राज्य स्तरीय वन्य-प्राणी सप्ताह के दूसरे दिन रविवार को राष्ट्रीय वन
विहार उद्यान में प्रतिभागियों को पक्षी अवलोकन एवं जैव विविधता शिविर में
विभिन्न प्रजाति के पक्षियों से रू-ब-रू कराया गया।
यूथ हॉस्टल, इंटर नेशनल पब्लिक स्कूल और पक्षी-पर्यावरण में रूचि रखने वाले 135 प्रतिभागियों ने 17 प्रजाति के पक्षी देख कर आनंदित हो उठे। इनमें प्रमुख रूप से गोल्डन ओरिओल, दूधराज, इग्रेट, मेग पाई राबिन, ब्रोंज विंग, जकाना, किंगफिशर, ग्रीन बी ईटर, टिटहरी और पोंड मुनिया प्रजाति के पक्षी शामिल हैं। साथ ही तितलियों में ग्रे पेनसी, कॉमन ईवनिंग ब्राउन, प्लेन टाइगर, कॉमन ग्रास यलो, ब्लू टाइगर, कमीसन रोज आदि को देख कर प्रतिभागियों ने देखा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जे.एस. चौहान, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) सत्यानंद और वन विहार संचालक श्रीमती पदम प्रिया बाला कृष्णन की मौजूदगी में चीता दौड़ के प्रतिभागियों को झण्ड़ी दिखा कर रवाना किया। वन विहार के गेट क्र.-2 से सुबह 7 बजे प्रारंभ हुई चीता दौड़ भदभदा, डिपो चौराहा, समार्ट सिटी तिराहा, जनजाति संग्रहालय, मानव संग्रहालय, बोट क्लब से होते हुए गेट क्र.-1 पर समाप्त हुई। चीता दौड़ में 20 विजेता महिला-पुरूष प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र, टी-शर्ट और कैप दिए गए।
यूथ हॉस्टल लेक सिटी यूनिट द्वारा वन्य-प्राणी अंगीकरण योजना में एक मगर को एक सप्ताह के लिए गोद भी लिया गया।
तीसरे दिन के आकर्षण
सोमवार को सुबह 6 से 8:30 बजे तक पक्षी अवलोकन एवं जैव विविधता शिविर, सुबह
7 से 11 बजे तक कनिष्ठ वर्ग (कक्षा 6वीं से 12वीं तक) के लिए "वन विहार"
विषय पर फोटोग्राफी प्रतियोगिता, सुबह 9 से 11 बजे तक कक्षा 5वीं से 12वीं
तक के विद्यार्थियों के लिए "म.प्र. में पाई जाने वाली तितलियाँ" विषय पर,
खुला वर्ग के लिए "म.प्र. में पाए जाने वाले माँसाहारी वन्य-प्राणी" विषय
पर रंगोली प्रतियोगिता और "मानव एवं वन्य प्राणियों का सह-अस्तित्व संभव"
विषय पर विद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी।