नई दिल्ली: भारत में रोजाना आपको सड़क हादसों से संबंधित खबरें मिलती होंगी। केंद्र सरकार भी इसे रोकने के लिए काफी कोशिश करती है लेकिन आंकड़े कम होने का नाम नहीं ले रहे। इन सड़क दुर्घटनाओं में पैदल चलने वाले, साइकलिस्ट भी शामिल होते हैं जो हादसे का शिकार हो जाते हैं। इसी से संबंधित आंकड़े जारी किए गए हैं। साल 2021 के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान जिन बाइकर्स, पैदल चलने वाले और साइकलिस्ट ने अपनी जान गंवाई है उसकी संख्या 1 लाख है।2017 के आंकडों से तुलना करें तो इसमें 42 फीसदी का उछाल है। हालांकि राहत की बात यह है कि कार, ट्रक, और तीन पहिया चलाने वाले लोगों की मौत में कमी आई है और यह आंकड़ा घटकर 35253 पर पहुंच गया है। इसमें 31 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इन साइकलिस्ट, पैदल चलने वालों लोगों की मौत बताती है कि नियम बनाने वाले लोगों को इसपर और ध्यान देने की जरूरत है।भारत में सड़क दुर्घटनाएं की रिपोर्ट पर किया गया तुलनात्मक विश्लेषण यह बताता है कि 2017 से 2022 के बीच हर सालमोटरसाइकलिस्ट, पैदल चलने वाले लोग और साइकलिस्ट की मौत के आंकड़ों में उछाल देखा गया है। यह आंकड़े तब बढ़ रहे हैं जब वीकल ओनरशिप, और सड़कों का निर्माण भी तेजी से बढ़ा है। साल 2017 से तुलना करने पर Vunerable Road Users यानी VRUs के मौत के आंकड़े 49 फीसदी से बढ़कर 67 फीसदी पहुंच गया है। यह आंकडे़ डराने वाले हैं। वहीं पिछले सालों में इनकी सुरक्षा के लिए बहुत कम उपाय ही किए गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि जहां तक पैदल चलने वाले और साइकलिस्ट का सवाल है तो सुरक्षित रास्ते के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी भी एक कारण है।