लाहौर
ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर भारत में जोर का जश्न हुआ. इसकी वजह उनके भारतीय मूल का हिंदू होने के कारण है. लेकिन पाकिस्तान के साथ भी ऋषि सुनक का सीधा रिश्ता है. उनके दादा-दादी विदेश जाने से पहले भारत के जिस हिस्से में रहते थे, वह अब पाकिस्तान में है.
सुनक के दादा-दादी देश छोड़ने से पहले पंजाब के गुजरांवाला में रहा करते थे. 1947 के बंटवारे के दौरान पंजाब के दो टुकड़े हो गए और गुजरांवाला पाकिस्तान के हिस्से चला गया. आज यह शहर एक बड़ा औद्योगिक केंद्र है, जहां 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं.
सुनक के दादा-दादी 1930 के दशक में पूर्वी अफ्रीका गए थे, जहां ऋषि सुनक के पिता का जन्म हुआ. 1960 के दशक में यह परिवार इंग्लैंड में जाकर बस गया. सुनक का जन्म 1980 में इंग्लैंड के पूर्वी तट पर साउथैम्प्टन में हुआ.
इस शहर में भी ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने को लेकर खासा उत्साह है. कई लोगों ने बातचीत के दौरान कहा कि ऋषि सुनक को एक बड़ा मौका मिला है, जबकि वह कश्मीर संकट के हल की कोशिश कर सकते हैं.
क्या कहते हैं गुजरांवाला के लोग?
गुजरांवाला अपने पहलवानों के लिए भी मशहूर रहा है. वहां के जानेमाने पहलवान उमर अली कहते हैं कि ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना खुशी की बात है. स्थानीय कॉलेज के प्रोफेसर खुर्रम शहजाद उम्मीद करते हैं कि सुनक ना सिर्फ ब्रिटेन और पाकिस्तान के रिश्तों की मजबूती के लिए काम करेंगे बल्कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में भी बेहतरी का एक नया युग शुरू करेंगे.
सुनक के दादा रामदास सुनक और दादी सुहाग रानी 1935 तक गुजरांवाला में रहे. हालांकि आज शहर के ज्यादातर लोगों को उस वक्त की कोई याद नहीं है, लेकिन वे ऋषि सुनक की जीत की खुशी महसूस कर रहे हैं. वे उम्मीद करते हैं कि सुनक के कार्यकाल में ब्रिटेन और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार होगा.
शहर के अधिकारी बताते हैं कि आजादी से पहले के ज्यादा दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि 1947 के बंटवारे के वक्त हुई सांप्रदायिक हिंसा में अधिकतर रिकॉर्ड नष्ट हो गए थे. इसलिए इस बात का कोई सबूत उपलब्ध नहीं है कि रामदास सुनक गुजरांवाला में कहां रहते थे. बहुत से लोगों का मानना है कि वे मछली बाजार में रहते थे, जहां कभी शहर की अधिकतर हिंदू आबादी रहा करती थी.
मछली बाजार में अब भी एक हिंदू मंदिर के खंडहर मौजूद हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि कभी इस जगह पर हिंदू लोग भी बसते थे. मछली बाजार और उसके आसपास के इलाके खाने-पीने की दुकानों के लिए मशहूर हैं. दुनियाभर से वहां पर्यटक बढ़िया खाने की तलाश में आते हैं. यहां मिलने वाली चीजों में फिश फ्राई काफी चर्चित है.
मछली बाजार में लंबे समय से रह रहे हाफिज उमर कहते हैं, कि सुनक का ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनना उनके शहर के लिए भी गौरव की बात है. उन्होंने कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान और ब्रिटेन के कूटनीतिक रिश्ते सुधरेंगे.”
कश्मीर पर उम्मीद
वैसे, सुनक ने कश्मीर के मुद्दे पर कभी कुछ विशेष नहीं बोला है. प्रधानमंत्री पद के लिए उनका चुनाव जिन हालात में हुआ है, उसमें देश की राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास पर बात ज्यादा हो रही है. लेकिन पंजाब में लोग उनसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहे हैं.
पंजाब सरकार के प्रवक्ता मुसर्रत जमशेद चीमा ने कहा, "ऐसा लगता है कि ऋषि सुनक की प्राथमिकता घरेलू आर्थिक चुनौतियों को हल करना होगी लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वह कश्मीर का मुद्दा हल करने की भी कोशिश करेंगे, जो भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की मुख्य वजह है.”
सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने ट्विटर पर उन्हें बधाई दी. पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शरीफ ने ट्विटर पर लिखा, "ऋषि सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी का नेता और यूके का अगला प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई. साझा हितों को आगे बढ़ाने और साझेदारी को गहरा करने को लेकर मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं.”
सुनक अपनी हिंदू पहचान को लेकर काफी मुखर रहे हैं. वह मंदिरों में पूजा करते और गायों को खाना खिलाते नजर आते रहे हैं. शायद यही वजह है कि भारत में उनके ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने पर जश्न का माहौल रहा. लोगों ने अपनी भावनाएं ऐसे जाहिर की, जैसे उन्हीं के बीच में से कोई अपना ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना हो. दिल्ली के एक उद्योगपति मनोज गर्ग ने कहा, "यह भारत के लिए गर्व की बात है कि जिस देश ने हम पर सदियों तक राज किया, आज वहां का प्रधानमंत्री भारतीय मूल का है.