इस्लामाबाद: पाकिस्तान इस समय भयानक आर्थिक संकट से गुजर रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने चेतावनी दी है कि यह कंगाल देश 'अत्यधिक खतरे' का सामना कर रहा है। आईएमएफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 3 अरब डॉलर के ताजा लोन के अलावा पाकिस्तान को आने वाले चुनाव के बाद एक और पैकेज की जरूरत होगी। इस बीच अब खुलासा हुआ है कि आईएमएफ से कर्ज के लिए 6 महीने तक हाथ पैर जोड़ने वाली शहबाज शरीफ सरकार को वैश्विक एजेंसी बहुत ही कड़ी शर्तों पर कर्ज दिया है।
आईएमएफ की शर्तों का दिखने लगा असर
आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान को लेकर खतरा बहुत ही ज्यादा है। उसने कहा कि इसका हल करने के लिए यह जरूरी है कि जिन नीतियों पर सहमति बनी है, उस पर तेजी से क्रियान्वयन किया जाए। इसके अलावा विदेशी भागीदारों की ओर से लगातार वित्तीय मदद की जरूरत होगी। एजेंसी ने कहा कि आईएमएफ प्रोग्राम का निर्णायक और सतत क्रियान्वयन खतरे को कम करने के लिए जरूरी होगा। आईएमएफ के साथ हुए समझौते के तहत शहबाज सरकार ने बिजली के दाम को 5 रुपये प्रति यूनिट बढ़ा दिया है।
इसी तरह से पाकिस्तान में रेकार्ड महंगाई के बाद भी गैस के दाम में भी 40 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है। पाकिस्तान में अब टैक्स की दर को भी बढ़ाने की तैयारी है। पाकिस्तान पर 100 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज है जिसमें से 30 अरब डॉलर केवल चीन का है। पाकिस्तान को इस वित्तीय वर्ष में 25 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज लौटाना है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्राभंडार आईएमएफ, चीन, सऊदी अरब के कर्ज के बाद बढ़ा है लेकिन अभी भी यह बहुत ही खराब स्थिति में है। पाकिस्तान में इस साल चुनाव होने हैं जिस पर अरबों रुपये खर्च होने का अनुमान है।