पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान परेशान हो
उठा है। उसने संयुक्त राष्ट्र संघ तक इस मामले को पहुंचाने की कोशिश की है।
पाकिस्तान के कनाडाई दूतावास के वेरिफाइ़ड ट्विटर हैंडल के जरिए पीएफआई के
ट्वीट पर कमेंट किया गया है। इस कमेंट में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार और
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय को टैग किया गया है। इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट
सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। एक यूजर ने तो सलाह देते हुए कहा कि इसके
लिए किसी फेक आईडी का सहारा लेना चाहिए था। इतनी तो समझ होनी चाहिए। आपको
बता दें कि पीएफआई ने मंगलवार को दूसरे दौर की कार्रवाई के बीच अपने ट्वीट
में समर्थन का आह्वान किया था।
"भाजपा शासित राज्यों में हिरासत के नाम पर बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हो रही हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि पीएफआई को निशाना बनाने वाली केंद्र सरकार के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोधों का गला घोटने की कोशिश है।" वायरल स्क्रीनशॉट में पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास वैंकूवर के हैंडल को जवाब में अंतरराष्ट्रीय हैंडल को टैग करते हुए दिखाया गया है।
पीएफआई और उससे जुड़े आठ अन्य संगठनों को भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोपों में प्रतिबंधित कर दिया गया था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का ट्विटर हैंडल भी निष्क्रिय कर दिया गया है। इसलिए इस ट्वीट का जवाब अब ऑनलाइन नहीं मिल सकता है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि पीएफआई के आतंकवाद से स्पष्ट संबंध हैं।
इसके कुछ नेता सिमी और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़े रहे हैं। गृह
मंत्रालय ने कहा कि पीएफआई समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने के
गुप्त एजेंडे पर काम कर रहा था।
पिछले कुछ दिनों में पीएफआई पर भारी कार्रवाई की गई थी। इसके बाद अब इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियों ने कई दस्तावेजों का पता लगाया है जिसमें संगठन ने अपने कैडर को आईईडी बनाना सिखाया था। संगठन ने भारत विरोधी दस्तावेज 'मिशन 2047' भी तैयार किया जिसमें इस्लामिक स्टेट के वीडियो थे।