जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा जमाया तो इसका जश्न पाकिस्तान में भी मनाया गया। पाकिस्तान सरकार भी अपनी खुशी छिपा नहीं पाई थी और उसने खूब बधाई दी थी। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि धीरे-धीरे तालिबान भी पाकिस्तान को आंखें दिखा रहा है। पाकिस्तानी तालिबान यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह अपने महीनों लंबे 'अनिश्चितकालीन सीजफायर' को खत्म करने जा रहा है।
पाकिस्तान सरकार पर लगाए कई आरोप
दरअसल, पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी तालिबान ने
पाकिस्तान सरकार पर अफगान तालिबान के समझौते का पालन ना करने का आरोप लगाया
है। उसका आरोप है कि पाकिस्तान सरकार ने वार्ता को सफल बनाने के लिए कोई
प्रयास नहीं किए हैं इसलिए सीजफायर जारी रखना संभव नहीं है। इतना ही नहीं
उसने पाकिस्तान सरकार पर कई अन्य आरोप भी लगाए हैं।
वार्ताओं के दौरान कोई प्रगति नहीं हुई
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने तालिबान के कुछ कैदियों को रिहा
किया था लेकिन फिर उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया जो 'समझौते का
उल्लंघन' है। सीजफायर को खत्म करने का ऐलान करते हुए टीटीपी प्रमुख मुफ्ती
नूर वली ने कहा कि उन्होंने कभी वार्ता से इनकार नहीं किया और यह शरिया
कानून का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इन वार्ताओं के दौरान कोई प्रगति नहीं
हुई है इसलिए सशस्त्र संघर्ष जारी रहेगा।
पाकिस्तान सरकार के फैसलों के चलते संघर्ष
हालांकि यह जरूर बताया गया है कि अगर वार्ता सफल होगी तो फिर निर्णय कुछ और
लिया जाएगा लेकिन पाकिस्तान सरकार के गलत फैसलों के चलते एक बार फिर से
संघर्ष शुरू हो गया है। कई रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि
पाकिस्तान में हालिया आतंकी घटनाओं और पाक सेना पर हुए हमलों के लिए
तालिबान ही जिम्मेदार है। फिलहाल अब देखना है कि यह संघर्ष किस करवट
बैठेगा।