पाकिस्तान में विनाशकारी मानसूनी बारिश की वजह से आई भयंकर बाढ़ ने इकोनॉमी का हाल बेहाल कर दिया है। पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर है तो वहीं आर्थिक वृद्धि दर यानी GDP के अनुमानित आंकड़ों ने भी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का एक-तिहाई हिस्सा बाढ़ में डूब गया है जिससे करीब 30 अरब डॉलर रहने का नुकसान होने का अनुमान है।
पाकिस्तान को संकट की इस स्थिति में GDP वृद्धि के आंकड़े में दो प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका सता रही है। वित्त वर्ष 2022-23 में पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने की संभावना थी लेकिन बाढ़ एवं अन्य वजहों से इसके 3 प्रतिशत ही रहने के आसार दिख रहे हैं।
महंगाई के आंकड़े: पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़ों के मुताबिक 8 सितंबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 42.7 फीसदी रही। बाढ़ के कारण हुए नुकसान के बाद सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है। साप्ताहिक आधार पर एलपीजी, आटा, अंडा, ग्रेड और दाल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले सप्ताह में मुद्रास्फीति 45.5 फीसदी थी, जो अब तक का सबसे उच्च स्तर है।
रुपया भी धड़ाम: करीब एक हफ्ते से पाकिस्तानी करेंसी रुपया गिरावट के दौर से गुजर रहा है। बीते शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 2.76 रुपये टूटकर 228.18 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह एक दिन पहले के बंद भाव से 1.21 प्रतिशत कम था।
3.3 करोड़ लोगों पर असर: पाकिस्तानी मीडिया 'द डॉन' की मानें तो मौजूदा बाढ़ का असर देश भर में 3.3 करोड़ लोगों पर पड़ रहा है। करीब 60 लाख बाढ़-प्रभावित लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने बताया कि बाढ़ से मरने वालों की संख्या 1,396 हो गई है, जबकि घायलों की कुल संख्या 12,700 से अधिक है।