पाकिस्तान में गर्वमेंट प्रोटेक्शन में अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन का एक और मामला सामने आया है। शहबाज सरकार की शह पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के साथ मिलकर लाहौर के लगभग 277 साल पुराने ऐतिहासिक शहीद भाई तारु सिंह गुरुद्वारे पर ताला जड़ दिया है। मौलाना पवित्र ऐतिहासिक गुरुद्वारे को मस्जिद बताकर इस पर कब्जा करने की फिराक में हैं।
पाकिस्तान में रहने वाले सिखों में इस कार्रवाई को लेकर काफी गुस्सा है। उनका कहना है कि इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे में रोज होने वाला गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ थम गया है। इसमें काफी श्रद्धालु शामिल होते थे। पिछले कुछ समय से कट्टरपंथियों की ओर से गुरुद्वारे को बंद करने की धमकियां दी जा रही थीं। कट्टरपंथियों ने ETPB के साथ मिल गुरुद्वारे पर तालाबंदी की है।
1947 में 20 लाख सिख थे, अब 20 हजार रह गए