लंदन
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने गुरुवार 20 अक्टूबर 2022 को लंदन में 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर अपना इस्तीफा बयान दिया। आर्थिक फैसले और अहम सिपहसालारों के इस्तीफों के कारण लिज ट्रस को मात्र 45 दिन में इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि नए प्रधानमंत्री के पद संभालने तक वह ब्रिटेन की कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनी रहेंगी। वहीं लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद फाइनेंशियल मार्केट हिल गया है। इसके साथ ही ब्रिटेन में एक बार फिर सियासी संकट गहरा गया है।
लिज ट्रस का ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल रहा, जिन्होंने 6 सितंबर 2022 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। इससे पहले यह रिकार्ड टोरी पार्टी के जॉर्ज कैनिंग के नाम था, जो साल 1827 में मात्र 119 दिन तक प्रधानमंत्री पद संभाला था।
विपक्षी लेबर पार्टी ने तुरंत चुनाव की मांग की
लिज ट्रस ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए घोषणा की कि कंजरवेटिव
पार्टी एक हफ्ते में नए नेता का चुनाव कर लेगी, जो बिट्रेन का अगला
प्रधानमंत्री होगा। वहीं विपक्षी लेबर पार्टी ने लिज ट्रस के इस्तीफे को
शर्मनाक स्थिति बताते तुरंत चुनाव कराने की मांग की है।
इस्तीफे के एक दिन पहले संसद में कहा था कि योद्धा हूं, इस्तीफा नहीं दूंगी
इस्तीफे से एक दिन पहले लिज ट्रस ने बिट्रेन की संसद में कहा था कि 'मैं
योद्धा हूं, इस्तीफा नहीं दूंगी। हालांकि मात्र 24 घंटे के अंदर ही पूरी
तस्वीर बदल गई, जिसके बाद उन्हें 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मीडिया के सामने
आकर अपने इस्तीफे का ऐलान करना पड़ा।
लंबी चुनावी प्रकिया के बाद लिज ट्रस ने भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हराकर कंजरवेटिव पार्टी का मुखिया पद जीता था, जिसके बाद वह ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनी थी। इसके बाद 23 सितंबर को लिज ट्रस ने पहला मिनी बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने अगले 6 महीने में 60 अरब पाउंड की एनर्जी स्कीम का ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने टैक्स में कटौती की घोषणा करके अर्थव्यवस्था को राहत देने का वादा किया ,लेकिन इसके लिए लिज ट्रस ने बड़ी मात्र में कर्ज लेने का ऐलान कर दिया। इस कारण से लगातार डॉलर के मुकाबले पाउंड कमजोर होता गया और लोगों की नाराजगी बढ़ती गई, जिसके बाद लगातार स्थिति बिगड़ती गई और लास्ट में लिज ट्रस को इस्तीफा देना पड़ा। लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल के ऋषि सुनक और बोरिस जॉनसन एक बार फिर प्रधानमंत्री पद के रेस में आ गए हैं। हालांकि अभी कंजरवेटिव पार्टी की ओर से इसको लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है।