अमेरिका में आठ नवंबर को होने वाले मिडटर्म चुनावों के नतीजों को लेकर सियासत गरमा गई है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वफादार 12 उम्मीदवारों ने अभी से ऐलान कर दिया है कि यदि वे हारे तो चुनाव नतीजों को स्वीकार नहीं करेंगे। इन सभी उम्मीदवारों की अनुशंसा ट्रम्प ने ही की थी। ये ऐलान करने वाले सभी उम्मीदवार गवर्नर के लिए चुनाव मैदान में हैं। इन सभी का कहना है कि उन्हें वोटों की गिनती के तरीके पर भरोसा नहीं है।
उनका आरोप है कि सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी उन्हें हराने के लिए गिनती में धांधली करेगी। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से गवर्नर के लिए मैदान में उतरे नॉर्थ केरोलीना, अलास्का, ओहायो, मिशिगन, मैसाच्युसेट्स, कैलिफोर्निया और टेक्सास के उम्मीदवारों ने हार के नतीजों को मानने से इनकार किया है। अमेरिकी मिडटर्म इलेक्शन के तहत 50 में से 35 गवर्नर और हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव की 435 सीटों के लिए वोटिंग होगी।
कैपिटल हिंसा के दोहराव की आशंका तेज
लगभग
दो साल पहले तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रम्प ने चुनाव नतीजों में हारने के
बावजूद इसे मानने से इनकार किया था। ट्रम्प की शह पर उनके समर्थकों ने
अमेरिकी संसद कैपिटल पर कब्जा कर लिया था। हिंसा की घटनाएं हुई थीं। ट्रम्प
समर्थकों के ऐलान से मिडटर्म चुनाव में कैपिटल हिंसा के दोहराव की आशंका
है।
डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बोले- जो नतीजा हो, स्वीकार करेंगे
जिन
रिपब्लिकन उम्मीदवारों ने नतीजों को नहीं मानने का ऐलान किया है, उन्हीं
सीटो पर उतरे सभी डेमोक्रेटिक प्रत्याशियों ने कहा है कि वे नतीजे स्वीकार
करेंगे। यहां तक कि पिछले चुनाव में हार स्वीकार नहीं करने वाली
डेमोक्रेटिक स्टेसी अब्राहम ने कहा है कि उन्हें चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा
है।
रिपब्लिकन पार्टी ने प्रोपेगेंडा तेज किया, वेबसाइट्स लॉन्च
मिडटर्म
की सरगर्मी के बीच रिपब्लिकन पार्टी ने अपना प्रोपेगेंडा तेज कर दिया है।
पिछले एक माह के दौरान पार्टी की ओर से 85 वेबसाइट्स शुरू की गई हैं। इनमें
पार्टी के एजेंडा के साथ-साथ श्वेत एकाधिकार और अप्रवासियों पर पूरी तरह
से रोक लगाने के मुद्दे शामिल हैं।