रूस जिस दर से भारत को तेल बेच रहा है, पाकिस्तान भी उसी दर से पुतिन से
तेल खरीदना चाहता है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की यात्रा पर गए पाकिस्तान
के वित्त मंत्री इशाक डार ने अपनी सरकार की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने
कहा है कि भारत को जिस दर पर तेल बेच रहा है, अगर वही दर हमें भी दे तो
पाकिस्तान रूस से ईंधन खरीदने के लिए तैयार है। मंत्री ने यह भी दावा किया
कि पश्चिमी देशों को पाकिस्तान द्वारा रियायती ईंधन की खरीद करने में कोई
समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उनका देश बाढ़ के विनाशकारी प्रभाव से
जूझ रहा है।
आपको बता दें कि रूस ने जिस दिन यूक्रेन पर हमला किया था, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान मास्को में थे। उनकी यात्रा का संयुक्त राज्य अमेरिका ने किसी भी सूरत में स्वागत नहीं किया था। बाद में इमरान खान ने अमेरिका को दोषी ठहराया। उन्होंने पीटीआई को पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल करने में अमेरिकी साजिश का आरोप लगाया। उसी समय इमरान खान ने रूस के साथ ईंधन की कीमतों पर बातचीत के लिए भारत की प्रशंसा की थी। उन्होंने यह भी कहा कि मॉस्को की उनकी यात्रा पहले से तय थी।
पाकिस्तान दुनिया में कच्चे पेट्रोलियम का 35वां सबसे बड़ा आयातक देश है। 2020-21 में उसने 1.92 अरब डॉलर मूल्य के कच्चे तेल का आयात किया।
पाकिस्तान ने रूस से तेल खरीदने के अपने इरादे को मंजूरी दे दी
है। मास्को में पाकिस्तान के राजदूत शफकत अली खान ने कहा कि उनका देश रूस
से गेहूं खरीदना चाहता है। राजदूत ने कहा, "रूस हमारे लिए एक नए
आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। जब हमारे लिए खाद्य आपूर्ति की बात आती
है तो हम रूस को एक दीर्घकालिक और स्थिर भागीदार के रूप में देखते हैं।"
आपको बता दें कि बीते दिनों में अमेरिका-पाकिस्तान के संबंध बिगड़े हैं।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पाकिस्तान सबसे खतरनाक
देशों में से एक है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने उनके बयान की निंदा
की और कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र है।