वॉशिंगटन: दुनिया के कई देशों में आतंकियों को मदद करने वाले लोग और कंपनियां मौजूद हैं। अमेरिका ने अब इन आतंक समर्थकों के खिलाफ भारत के दक्षिणी पड़ोसी देश में एक निर्णायक कार्रवाई की है। अमेरिका ने मालदीव में 20 व्यक्तियों और 29 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। जिन कंपनियों और लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है वह आतंकी समूहों ISIS, ISIS-K और अल कायदा से जुड़ी हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के एक बयान के मुताबिक इनमें से 18 व्यक्ति ISIS और ISIS-K के मददगार हैं। जबकि दो अलकायदा के संचालक हैं।
बयान के मुताबिक प्रतिबंध लोगों और कंपनियों के साथ किसी भी तरह के लेनदेन को प्रतिबंधित करते हैं। अमेरिकी कंपनियां इनसे व्यापार नहीं कर सकती। इसके साथ ही वह कंपनियां जो इनसे जुड़ी हैं, वह अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकतीं। सितंबर की शुरुआत में मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। उससे पहले इस तरह के प्रतिबंध बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं। भारत के करीबी सहयोगी इबू सोलिह दूसरी बार राष्ट्रपति बनना चाहते हैं।
भारत के लिए चिंता
भारत लगातार मालदीव में बढ़ रहे कट्टरपंथियों के नेटवर्क पर निगाह गड़ाए हुए है। मालदीव में कट्टरपंथ का बढ़ना भारत के दक्षिणी हिस्से और श्रीलंका की सुरक्षा पर प्रभाव डालता है। सूत्रों का कहना है कि मालदीव में बैठे कट्टरपंथियों को हिंद महासागर में ड्रग कार्टेल फाइनेंस करते हैं। ये ड्रग कार्टेल पाकिस्तान की आईएसआएई और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों से जुड़े हुए हैं। प्रतिबंध के बाद इन कंपनियों की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।
किन पर लगाया गया प्रतिबंध
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें मालदीव के आतंकी सेल और आपराधिक गिरोह के नेता और सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा ISIS-K में भर्ती करने वाले मोहम्मद अमीन से जुड़ी कंपनी भी शामिल है। मोहम्मद अमीन को 2019 में ही प्रतिबंधित किया जा चुका है। मालदीव में अल-कायदा के दो सदस्य, अपनी छह कंपनियों के साथ मालदीव के लोगों को सीरिया यात्रा के लिए पैसे भी देते थे।