रवीना टंडन को अक्सर जीव जंतुओं के हक के लिए आवाज उठााते हुए देखा जाता
रहा है। एक्ट्रेस की सोशल मीडिया अकांउट पर हर दूसरी पोस्ट जानवरों,
पशु-पक्षियों से संबधित होती हैं। नेचर और एनिमल लवर रवीना टंडन ने हाल ही
में एक हथनी की टॉर्चर को पोस्ट कर दुख जाहिर करते हुए उसकी मदद की
गुहार लगाई है।
क्या है मामला?
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक हथनी के टॉर्चर का वायरल हो रहा है ये तमिलनाडु का है जहां एक महावत को जॉयमाला नाम की हथनी को टॉर्चर
करते हुए दिखाया गया है। जानकारी के मुताबिक जॉयमाला नाम की इस हथनी का असम
से तमिलनाडु ले जाया गया था। किसी धार्मिक कार्यक्रम में इस हथनी का उपयोग
करने को लेकर ट्रेनिंग देने के नाम पर क्रूर यातनाएं दी जा रही थीं। टॉर्चर से पी़ड़ित जॉयमाला की चीखों की आवाज भी सुनी जा सकती
है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस को लेकर से जानकारी सामने आई है कि
टॉर्चर करने के लिए इस जानवर के 2 पैरों को 16-16 घंटें जंजीरों से से
बांधा गया था और कई तरह की दर्दनाक यातनाएं दी जा रही थीं। ये जानकारी PETA
ने ट्वीट कर शेयर भी की।
रवीना ने रेसक्यू के लिए उठाई आवाज
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस को जब एक्ट्रेस रवीना टंडन ने देखा तो
उनसे जॉयमाला की ये हालत देखी नहीं गई और उन्होंने इस को पोस्ट कर
उसे रेसक्यू करने की गुहार लगाई। रवीना टंडन ने ट्वीट में लिखा, ‘प्लीज
हाथी जयमाल्यता (जिसे जॉयमाला भी कहा जाता है) को एक रेसक्यू केंद्र में
भेजें, जहां उसे एक्सपर्ट से देखभाल मिल सके, बिना जंजीरों के रह सके और
बाकी हाथियों की कंपनी में रह सके। उसे अपने जख्मों से उबरने के लिए मदद की
ज़रूरत है।’ ऐसा पहली बार नहीं जब एनिमल लवर रवीना ने किसी जानवार के लिए
इस तरह की जानकारी शेयर की है। उनका ट्विटर अकांउट पर किए गए पोस्ट को
देखकर ये अंदाजा लगया जा सकता है कि एनिमल राइट्स के लिए वह पूरी तरह से
एक्टिव रहती हैं।
अर्जुन रापमाल भी आए आगे
ना सिर्फ रवीना टंडन बल्कि अर्जुन रामपाल ने भी इस पर दुख जाहिर
करते हुए जल्द से जल्द हथनी जॉयमाला की मदद करने की बात लिखी है अर्जुन
रामपाल ने ट्वीट में लिखा,
तुरंत कार्रवाई की जरूरत है। इस बेचारी हथनी का रोना सुनकर इसका अंदाजा
लगया जा सकता है। प्लीज जॉयमाला को एक रेसक्यू केंद्र में भेजें, जहां उसे
एक्सपर्ट से देखभाल मिल सके, बिना जंजीरों के रह सके और बाकी हाथियों की
कंपनी में रह सके।’ अर्जुन के इस ट्वीट को कई लोगों ने रिट्वीट कर इस मामले
पर ध्यान देने की गुजारिश की है। शायद लोगों के इन्ही कमेंट्स और पोस्ट्स
की वजह से ये मामला पेटा जैसी संस्थाओं की नजर में है और वे इसके खिलाफ
पुख्ता कदम भी उठा रहे हैं।