रिसाली। रिसाली नगर निगम में 16 करोड़ रुपये से अधिक के सफाई ठेके को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। महापौर श्रीमती शशि सिन्हा और एमआईसी मेंबरों ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है। महापौर और उनके सहयोगियों ने आरोप लगाया कि बिना उनकी सहमति के विशेष सामान्य सभा बुलाकर टेंडर स्वीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है।
महापौर का आरोप
महापौर शशि सिन्हा ने प्रेस वार्ता में कहा कि निगम का वार्षिक राजस्व केवल 10 करोड़ रुपये है, जबकि सफाई ठेका 16 करोड़ रुपये से अधिक का दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी राशि का ठेका निगम को कंगाल बना देगा। महापौर ने दावा किया कि निगम के कुछ अधिकारी इस प्रक्रिया में गड़बड़ी कर रहे हैं।
नियमों का उल्लंघन
एमआईसी मेंबरों ने आरोप लगाया कि टेंडर प्रक्रिया में भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन किया गया। सात निविदाकारों में से केवल दो के निविदा लिफाफे खोले गए, जबकि न्यूनतम तीन निविदाकारों का पात्र होना अनिवार्य है। उन्होंने मांग की कि बाकी निविदाओं को भी खोला जाए।
महापौर ने आरोप लगाया कि 23 दिसंबर 2024 को हुई मेयर इन काउंसिल की बैठक में सफाई का मुद्दा एजेंडे में नहीं था। इसके बावजूद, 3 जनवरी 2025 की बैठक में षड्यंत्रपूर्वक इस मुद्दे को जोड़ा गया। महापौर ने यह भी कहा कि अधिकारियों द्वारा वर्क ऑफ स्कोप या इस्टिमेट की जानकारी नहीं दी गई है।