एक सूत्र ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से चल रही गहमागहमी के बाद यह फैसला किया गया कि बिन्नी बोर्ड के 36वें अध्यक्ष होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह ने भी नामांकन दायर किया है तथा अगर कोई और उम्मीदवार मैदान में नहीं उतरता है तो वह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई सचिव बने रहेंगे।
शाह के इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बोर्ड
में भी गांगुली की जगह भारतीय प्रतिनिधि बनने की उम्मीद है। शुक्ला ने
संवाददाताओं से कहा, ''रोजर बिन्नी ने अध्यक्ष पद, मैंने उपाध्यक्ष पद, जय
शाह ने सचिव, आशीष शेलार ने कोषाध्यक्ष और देवजीत सैकिया ने संयुक्त सचिव
पद के लिए नामांकन भरे हैं।''
उन्होंने कहा, ''अरूण धूमल आईपीएल संचालन परिषद के प्रमुख होंगे और अविषेक डालमिया भी उस परिषद का हिस्सा होंगे। खेरुल जमाल (मामुन) मजूमदार शीर्ष परिषद का हिस्सा होंगे। अब तक इन्हीं लोगों ने नामांकन भरा है और सभी निर्विरोध हैं।''
नामांकन भरने का अंतिम दिन बुधवार है। उम्मीदवार 14 अक्टूबर तक नामांकन वापस ले सकते हैं। विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों की अंतिम सूची 15 अक्टूबर को प्रकाशित होगी।
बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए बिन्नी की दावेदारी हैरानी भरी है।
इस पद के लिए उनके नाम के संकेत हालांकि उस समय मिले थे जब कर्नाटक राज्य
क्रिकेट संघ (केएससीए) ने बीसीसीआई एजीएम के लिए सचिव संतोष मेनन की जगह
उन्हें अपना प्रतिनिधि बनाया था। बिन्नी केएससीए अध्यक्ष हैं और उन्हें
राज्य संस्था में अपना पद छोड़ना होगा।
मध्यम गति के गेंदबाज रहे बिन्नी ने 1983 के विश्व कप में भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने तब आठ मैचों में 18 विकेट लिए थे जो उस टूर्नामेंट का रिकॉर्ड था। बिन्नी अतीत में संदीप पाटिल की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति के सदस्य रह चुके हैं। जब भी भारतीय टीम में चयन के लिए उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी के नाम पर चर्चा होती थी तो वह खुद को इससे अलग कर लेते थे।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा,''रोजर एक अच्छे इंसान हैं जिन्होंने
भारत की तरफ से खेलते हुए देश का मान बढ़ाया। वह विश्व कप के नायक हैं और
उनकी छवि साफ-सुथरी है। लोढा समिति ने जब हितों के टकराव की बात कही थी तो
उन्होंने चयन समिति से इस्तीफा दे दिया था।''