यूक्रेन ने युद्ध के बीच जहां से रूसी सेना को भगाया है, वहां 440 से अधिक शवों की नई कब्र मिली है। यूक्रेन के पूर्वी शहर इजियम के बाहर एक जंगल में सामूहिक कब्र में इन शवों को दफन किया गया था। खार्किव इलाके के चीफ पुलिस इंवेस्टिगेटर सर्गेइ बोल्विनोव ने कहा कि हर एक शव की फोरेंसिक जांच की जाएगी। शुरुआती जांच में पता चला है कि इनमें से कुछ गोलाबारी और हवाई हमलों से मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अब तक मिले सबसे बड़े दफन स्थलों में से एक है।
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गुरुवार रात टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा, 'खारकीव क्षेत्र के इजिअम में एक सामूहिक कब्र मिली है। आवश्यक प्रक्रियाएं पहले ही शुरू हो गई हैं। इसे लेकर स्पष्ट सूचना कल मिल जानी चाहिए।' जेलेंस्की ने यूक्रेन के कुछ अन्य शहरों के नामों का भी जिक्र किया, जिनके बारे में अधिकारियों का कहना है कि वहां से पीछे हटी रूसी सेना सामूहिक कब्रें छोड़कर जा रही है और वहां युद्ध अपराधों के सबूत मिले हैं।
'रूस पर डालनी होगी युद्ध की जिम्मेदारी'
राष्ट्रपति ने कहा, 'बुचा, मारियुपोल और अब दुर्भाग्यपूर्ण रूप से इजिअम...
रूसी सेना हर जगह मौत के निशान छोड़कर जा रही है और उसे इसके लिए जवाबदेह
ठहराना होगा। दुनिया को इस युद्ध की असल जिम्मेदारी रूस पर डालनी होगी।'
मालूम हो कि रूसी सेना यूक्रेन की आक्रामक प्रतिक्रिया के बीच पिछले सप्ताह
इजिअम सहित खारकीव क्षेत्र के कई हिस्सों से पीछे हट गई थी। जेलेंस्की ने
बुधवार को इजिअम शहर का दौरा किया था।
'प्रताड़ना चैंबर बनाने के मिले सबूत'
यूक्रेन के उप गृहमंत्री येव्हेन एनिन ने गुरुवार रात कहा कि रूसी सैनिकों
की ओर से उनके कब्जे वाले कई शहरों में 'प्रताड़ना चैंबर' बनाने के सबूत
मिले हैं, जहां यूक्रेन के नागरिकों और विदेशियों को 'पूरी तरह से अमानवीय
स्थितियों' में रखा गया। एनिन ने दावा किया कि इन ठिकानों में से एक में
किसी एशियाई देश के छात्र भी बंधक बनाकर रखे गए थे। अभी यह नहीं पता चला है
कि ये किस एशियाई देश के हैं। उन्हें यूक्रेन से भागने की कोशिश में रूसी
जांच चौकियों पर पकड़ा गया था।