मॉस्को: शनिवार को रूस में हुई तख्तापलट की नाकाम कोशिशों के बाद कई लोग सवाल पूछ रहे थे कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कहां हैं। सोमवार को एक टेलीविजन संबोधन के साथ ही पुतिन ने सबको शांत करा दिया। पुतिन ने अपने इस संबोधन में कसम खाई है कि वह वैगनर के मुखिया येवेगनी प्रिगोझिन को बख्शेंगे नहीं। साथ ही उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने भी रूस में तख्तापलट की असफल कोशिशों में साथ दिया है, उन्हें भी छोड़ा नहीं जाएगा। पुतिन ने शनिवार को उठी उठापटक को 'देशद्रोह' करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी देशों पर भी निशाना साधा।
पुतिन ने दी चेतावनीपुतिन का कहना था कि रूस को एक गृह युद्ध की तरफ से लेकर जाने वालों को उकसाने में पश्चिमी देश शामिल हैं। पुतिन अपने संबोधन में काफी आक्रामक नजर आए। उन्होंने कहा, 'विद्रोह के आयोजक, अपनी तर्कसंगतता के नुकसान के बावजूद, इसे समझने में असफल नहीं हो पाए। वो अच्छी तरह से जानते थे कि वो एक अपराध कर रहे हैं, रूस में दरार डाल रहे हैं और देश को कमजोर कर रहे हैं।' पुतिन ने कहा कि विद्रोह के दौरान खूनखराबे से बचने का आदेश दिया था। जबकि दूसरे देश चाहते थे रूस के लोग आपस में ही लड़ मरें।
पुतिन ने वैगनर आर्मी के लड़ाकों को रूसी मिलिट्री में शामिल होने का ऑफर भी दिया। साथ ही खूनखराबा न करने के लिए उन्हें थैंक्यू भी कहा। पुतिन के मुताबिक रूस पहले से ही इस समय भारी बाहरी खतरों और विदेशों से अभूतपूर्व दबाव का सामना कर रहा है।' पुतिन ने उन तमाम लोगों को सख्त सजा देने की बात कही है जो असफल तख्तापलट की कोशिशों में शामिल थे। पुतिन ने कहा कि ब्लैकमेल करने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी।
शेफ की वजह से आया संकट
प्रिगोझिन को पुतिन का शेफ कहा जाता है। पिछले दिनों बेलारूस केराष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की तरफ से कराए गए समझौते के बाद उन्होंने मॉस्को तक अपना मार्च रद्द कर दिया। उनका ऐलान 24 घंटे की तबाही के बाद आया। इस पूरे हंगामें में वैगनर ने रूसी प्लेन को भी मार गिराया जिसमें 39 पायलट और चालक दल मारे गए। शुक्रवार देर रात जब वैगनर के लड़ाकों ने रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जा कर लिया तो पूरे रूस में हंगामा मच गया। बहरहाल, अब भी उनके, रूसी सेना के वरिष्ठ नेताओं के अस्तित्व के साथ ही यूक्रेन में युद्ध पर प्रभाव और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजनीतिक भविष्य पर अनिश्चितता बनी हुई है।
प्रिगोझिन ने भी जारी किया बयान
दूसरी तरफ प्रीगोझिन ने भी सोमवार को अपना बयान जारी किया। उन्होंने बयान में अपनी बगावत का बचाव किया। प्रीगोझिन ने 11 मिनट के ऑडियो में कहा कि उन्होंने वैगनर की बर्बादी को रोकने और एक शिविर पर हमले की प्रतिक्रिया के रूप में यह कदम उठाया जिसमें उनके 30 लड़ाके मारे गए थे। उन्होंने कहा, 'हमने अन्याय के कारण मॉस्को की ओर कूच किया था।' प्रीगोझिन ने इसकी जानकारी नहीं दी कि वह कहां हैं और भविष्य की उनकी योजनाएं क्या है। क्रेमलिन ने कहा कि उसने समझौता किया है जिसके तहत प्रीगोझिन बेलारूस जाएंगे तथा उन्हें एवं उनके सैनिकों को क्षमादान मिलेगा।