'बड़ी गलती कर दी'
सांसद ने कहा, 'वे नहीं जानते कि उन्होंने मुझे गिरफ्तार कर कितनी बड़ी
गलती कर दी है। यह उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी गलती होगी। उन्हें
जल्दी पता लगेगा। मेरे जीवन का हर पल सेना को समर्पित है। आज कोर्ट ने कहा
कि गिरफ्तारी अवैध थी। जितनी बार चाहें, मुझे गिरफ्तार कर लें, लेकिन मैं
सेना नहीं छोड़ूंगा।' उन्होंने कहा, 'मैं बाहर आकर खुश हूं। हम लड़ने वाले
हैं और लड़ना जारी रखेंगे। मैंने अपना पूरा जीवन शिवसेना में गुजारा है।
मैं सेना में रहा हूं और सेना के साथ मरूंगा, लेकिन मैं सेना को छोड़कर
कहीं नहीं जाऊंगा। मैं मरना पसंद करूंगा, लेकिन सेना नहीं छोड़ूंगा।'
भांडुप स्थित आवास पर उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के खिलाफ लड़ाई जारी
रखेंगे और रुकेंगे नहीं।
जमानत मिलने के बाद राउत पहले दक्षिण मुंबई में हनुमान मंदिर पहुंचे। इसके बाद वह सिद्दीविनायक मंदिर और बाल ठाकरे के स्मारक पर गए। उनके साथ सैकड़ों शिवसैनिक मौजूद थे। अंत में वह अपने आवास पर पहुंचे, जहां परिवार और शिवसैनिकों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी को ही 'असली शिवसेना बताया।' प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उपनगरीय गोरेगांव में एक आवासीय परियोजना से जुड़े एक धनशोधन मामले में एक अगस्त को संजय राउत (60) को गिरफ्तार किया था।
जल्दी मिलेंगे उद्धव
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को राउत के परिवार
से फोन पर बात की और उन्हें (राउत) 'एक ऐसा योद्धा करार दिया, जो कभी दबाव
के आगे नहीं झुका।' ठाकरे के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि पार्टी प्रमुख ने
राउत की मां और पत्नी से फोन पर बात की और कहा कि वह राउत से जल्द
मिलेंगे।