ईरान में हिजाब के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। महिलाएं सड़कों
पर आकर हिजाब को उतार फेंक रही हैं। इस बीच एक इराकी मूल की स्वीडिश
राजनेता ने ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाते
हुए यूरोपीय संसद में बहस के दौरान अपने बाल काट लिए। अबीर अल-सहलानी ने
ईरान की महिलाओं के दमन पर जोरदार भाषण दिया। उन्होंने नागरिकों के खिलाफ
सभी तरह की हिंसा को बिना शर्त और तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने
ईरान में महिलाओं की आजादी की भी मांग की है।
संसद में अपने संबोधन के दौरान सहलानी कैंची निकालती हैं और अपनी पोनीटेल काट कर सामने रखते हुए कहती हैं, "जब तक ईरान की औरतें आजाद नहीं हो जाती, हम आपके साथ खड़े रहेंगे।"
ईरान में हिजाब के खिलाम उग्र विरोध प्रदर्शन
ईरान की कुख्यात पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 22 वर्षीय महिला
महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इसके बाद बाद ईरान में हिजाब
विरोधी विरोध शुरू हो गया। महसा की गिरफ्तारी इसलिए की गई थी, क्योंकि
उसने कथित तौर पर इस्लामिक हिजाब को बुहत ही ढीले-ढाले तरीके से पहना था।
महिला के परिवार ने पुलिस कर्मियों पर उसे डंडों से सिर पर पीटने का आरोप
लगाया है। परिवार के लोगों ने दावा किया है कि पुलिस ने उनके एक वाहन पर
उसका सिर पट दिया।
अधिकारियों का दावा है कि किसी भी दुर्व्यवहार के कोई सबूत नहीं हैं। पुलिस का कहना है कि हिरासत के दौरान अमिनी की अचानक हृदय की गति रुक गई। इस कारण उसकी मौत हो गई।
अमिनी की मौत की खबर फैलते ही पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। पूरे देश में महिलाओं ने महिलाओं की पोशाक पर ईरान के सख्त नियमों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपने सिर का स्कार्फ हटाकर और अपने बाल काटकर प्रदर्शन किए।