पाकिस्तान के पासपोर्ट पर दिख रहा कंगाली का असर, दुनिया का चौथा सबसे खराब पासपोर्ट बना
Updated on
04-03-2023 06:38 PM
इस्लामाबाद: नोमैड कैपिटलिस्ट ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की रैंकिंग जारी की है। इस लिस्ट में दिख रहा है कि पाकिस्तान की कंगाली का असर उसके पासपोर्ट पर भी पड़ा है। नोमैड कैपिटलिस्ट ने इस लिस्ट में 199 देशों को शामिल किया, जिसमें से पाकिस्तान 195 नंबर पर है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स और नोमैड कैपिटलिस्ट की रैकिंग में कोई अंतर देखने को नहीं मिला। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने पाकिस्तान को दुनिया का चौथा सबसे खराब पासपोर्ट बताया था, वहीं नोमैड कैपिटलिस्ट ने भी इसे दुनिया का चौथा सबसे खराब पासपोर्ट माना है।
बाकी देशों की बात करें तो नोमैड कैपिटलिस्ट की रैंकिंग में संयुक्त अरब अमीरात का पासपोर्ट दुनिया का सबसे ताकतवर है। नोमैड कि रिपोर्ट के मुताबिक UAE के पासपोर्ट रैंकिंग में तेजी से सुधार देखने को मिला है। पिछले साल जहां इसकी रैंक 35वीं थी वो अब पहले पर पहुंच गई है। UAE की यह छलांग हाल में हुए बदलावों का परिणाम है जो विदेशियों को दोहरी नागरिकता के लिए आवेदन की अनुमति देता है। इसके अलावा UAE पासपोर्ट के जरिए बिना वीजा के यात्रा जैसी चीजों पर भी फोकस किया गया है।
क्यों मिला यूएई को पहला स्थान
नोमैड कैपिटलिस्ट 5 फैक्टर्स पर रैंकिंग जारी करता है। वीजा फ्री ट्रेवेल को वह रैंकिंग के पैमाने में 50 फीसदी अंक देता है। लोगों पर लगने वाले टैक्स को वह 20 फीसदी अंक और अनुभव, दोहरी नागरिकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को 10-10 फीसदी अंक देता है। यूएई में लगने वाले कम टैक्स नियम ने ही उसे रैंकिंग में सबसे ऊपर पहुंचाया है। संयुक्त अरब अमीरात के बाद लक्जमबर्ग का पासपोर्ट दूसरे नंबर पर है। पिछले दो साल से ये पहले नंबर पर था। नोमाड कैपिटलिस्ट ने बताया कि यह छोटा लेकिन समृद्ध यूरोपीय यूनियन देश अपने नागरिकों को उच्च स्तर की स्वतंत्रता देता है।
बाकी देशों की रैंकिंग
इस रैंकिंग में भारत को 159वां स्थान दिया गया है। दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट की बात करें तो वह अफगानिस्तान का है। पाकिस्तान से नीचे यमन और ईराक हैं। पाकिस्तान की रैंकिंग उन देशों के साथ है जहां अस्थिरता बेहद ज्यादा है और युद्ध जैसा माहौल है। पाकिस्तान में हाल के दिनों में टैक्स बढ़ाए गए हैं। वहीं हर किसी को पता है कि पाकिस्तान में लोगों को स्वतंत्रता बाकी देशों की तुलना में बेहद कम है। इससे यह साफ कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की कंगाली का असर उसके पासपोर्ट पर पड़ा है।